Nyasyog helps you in all aspects of life
अनुभव न्यासयोग अभ्यास के
पूनम मैनी
छह मासीय न्यासयोग पाठ्यक्रम प्रशिक्षु
कनाडा
सुप्रभात मैम !!
आज कुछ ऐसा हुआ जो बताना था ।
मेरी आजकल शाम की शिफ्ट चल रही है तो रात में घर आना-जाना हो रहा है।
कल जब मैं कार्यालय से घर आ रही थी, जल्दी में मेरा बटुआ कहीं गिर गया, मुझे पता नहीं चला।
उसमें मेरा जरूरी सामान, कैश और घर की चाबी था।
मैं जब घर के बिल्डिंग के पास आई तो देखा, बटुआ नहीं है। घर में जाने की समस्या आई। सभी सोए थे।एक घण्टा प्रयास के बाद घर मे गई। मन बहुत दुखी था।
बार-बार नींद खुल रही थी। तनाव में दिव्य मंत्र का जाप करती रही। दिनभर जपती रही।
जाप करते-करते रो पड़ी।
शाम में दफ्तर पहुंची तो रिसेप्शन पर मेरे लिए एक लिफाफा था।
मैंने लिफाफा खोला और खुशी से मन झूम गया।
उसमे मेरा बटुआ और सब कुछ था। कुछ भी मिसिंग नहीं था।
यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। यहां ऐसे वॉलेट मिलाना तो असंभव बात है । लेकिन मेरा बटुआ बिलकुल वैसे के वैसे मिल गया, और पाता भी नहीं कौन दे गया।
न्यासयोग शक्ति का और आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मुझे सही दिशा देने के लिए शुक्रिया !!
मुजे यकीन है कि न्यास मंत्र ने उस आदमी के मन को बदल दिया और उसने बटुआ वपिस कर दीया।
पूनम मानी
छह मासीय न्यासयोग पाठ्यक्रम प्रशिक्षु
कनाडा
##############$$$$$$##########$$$$$###
मेरा अनुभव-
नीलू सिंह, सबलपुर, बौंसी, बिहार
न्यासयोग तनाव- प्रबंधन ऊर्जा उपचार के ऑनलाइन छः माह के पाठ्यक्रम से जब मैं जुड़ी, वह वही पल था,जब मैंने अपने जीवन से जुड़ी हर छोटी से बड़ी बातों को न से हाँ में बदलना सीखा। यूँ कहूँ कि व्यक्ति, वस्तु और परिस्थितियों से जुड़ी हर पहलुओं को सकारात्मक भाव के साथ देखते हुए महसूस कर बोलने लगी। जिसका सारा श्रेय न्यासयोग को जाता है।जिसका अर्थ ही होता है- निकालना और रखना।जिसमें स्वयं के अंतरशोधन के क्रम में अपने अंदर की नाकारात्मकता को निकालना पड़ता है और सकारात्मकता को रखते हैं।न्यासयोग से जुड़े अपने अनुभव को बताने से पूर्व मैं यहाँ यह आप सबों से यह साझा करना चाहूँगी कि
मैं इस न्यासयोग से जुड़ी कैसे ?
मैं न्यासयोग से जुड़ने के पूर्व अपने जीवन में दूसरों के प्रति अच्छे व्यवहारों के बावजूद निराशा और नकारात्मक भाव-विचारों से घिरी रहती ।ईश्वर की पूजा अर्चना करती और कहती हे भगवान आप सब कुछ जानने वाले हो।मेरे से ऐसी भी क्या गलती हो गई कि मेरे अच्छे व्यवहार के बदले सामने से कभी -कभी निराशापूर्ण बातें सुनने को मिलती है।जिसकी वजह से मैं हमेशा मन ही मन में दुःखी हो जाती।इस तरह की बहुत सारी बातों का लगातार अध्ययन बड़ी दीदी कर रहीं थीं।वो हमेशा कहतीं-इतना मत सोचो सब ठीक हो जाएगा और न्यासयोग प्रक्रिया सीखने को कहती।मैं उन्हें बस इतना ही कहती ठीक है दी एक दिन आती हूँ।पर वह दिन किसी न किसी रूप में आता ही नहीं।
एक दिन रेखा दी ऐसे ही मुझसे मिलने आयीं और बोली तुम चलो तो मेरे साथ।वही वो पल था जब मैं रीता दीदी से फोन पर बातों ही बातों में छः महीने के न्यासयोग तनाव प्रबंधन ऑनलाइन पाठ्यक्रम के बारे में जाना और उसी समय दी के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से जुड़ गयी।
वही वो लम्हा था जब न्यासयोग मेरे जीवन में एक जादू की तरह आया और मैंने अपने जीवन से जुड़ी हर बातों को न की जगह हाँ में बदलना शुरू किया।प्रथम दिन के क्लास में ही मुझे न्यासयोग के सैद्धांतिक पक्षों को जानकर इतना अच्छा लगा कि मैं इस ओर ज्यादा सक्रिय हो गई।उस पर रविवार का अभ्यास क्लास तो मानो सोने पे सुहागा का काम किया।जिसमें अपनी ही ऊर्जा के माध्यम किस प्रकार से हम स्वयंं को ठीक रखने में सक्षम हो पाएंगे जाना।
सबसे बड़ी बात यह कि कैसे हम अपने अच्छे व्यवहारों के बावजूद दूसरों के बारे में चर्चा कर जाने अनजाने उसका कर्मफल अपना बना कर अन्तरमन में संचित कर लेते हैं।सच में न्यासयोग से जुड़कर मेरी स्वयं के साथ दूसरों के प्रति पूरी की पूरी मानसिकता ही बदल गयी।इसकी वजह से मेरा परिवारिक माहौल बिल्कुल ही बदल गया।
सभी चीजों को सकारात्मक भाव से देखते हुए मन में विचारों को संग्रहित कर शब्दों की माला में पिरोकर बोलती हूँ।न्यासयोग के दस अभ्यास वाक्यों के माध्यम से ही मैंने जाना अपनी खुशी की चाभी किसी दूसरे को नहीं देनी चाहिए।तात्पर्य अब मैंने इस खुबसुरत विधा के माध्यम से यह जान लिया कि जब यह आत्मा रूपी शरीर मेरा है तो इसके द्वारा किये गए अच्छे कार्यों के लिए खुश होने का अधिकार भी मेरा है।न कि किसी दूसरे की कही सुनी बातों से प्रभावित होकर दुःखी होने का।
मैं अब दूसरों की बातों से बिल्कुल भी दुःखी नहीं होती हूँ।जैसा कि न्यासयोग से मैंने जाना कि यह हमें अपने जीवन से जूड़ी हर बातों को सुक्ष्मता के साथ अध्ययन करना सिखाती है।मेरे घर एवं विधालय के सभी कार्य संतुलित एवं व्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है।मुझे शारीरिक परेशानियां रही है और मैं दवाईयाँ भी ले रही थी।परन्तु इससे जुड़ने के साथ से ही मैं पिछले तीन-चार महीनों से दवाई नहीं ले रही हूँ।
न्यासयोग विधा से जुड़े अभ्यास को प्रत्येक दिन करते रहने से अपनी ऊर्जा को हर दिन एक नये स्वरूप में अनुभव किया।जिसे व्यक्त कर पाना अपने आप में एक बड़ी बात है।अभ्यास के क्रम में स्वयं की ऊर्जा को गुरू ध्यान के साथ ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़कर उस शक्ति को महसूस करने का एहसास अद्भूत रहता है।जिससे मैं स्वयं को सरल और सहज महसूस करती हूँ।इसको लगातार करते रहने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है।मैंने यह अनुभव किया है कि मेरे सभी कार्य इस लॉकडाउन में मेरे कार्यक्षेत्र से सबंधित भी बड़े ही सरलता के साथ सम्पन्न होते जा रहे हैं।न्यासयोग से जुड़ी इतने कम दिनों मेरे बहुत सारे ऐसे अनुभव हैं, जिसे कलमबद्ध कर पाना सहज न होगा।
मैं मानती हूँ कि न्यासयोग मेरे लिए ही नहीं अपितु सबों के लिए एक जादू की तरह है।जिसमें हम अपने ही शरीर क्रिया विज्ञान अर्थात् अपने आतंरिक चक्रों को जागृत करके आतंरिक शोधन कर अपने बाहरी शरीर को जड़ से ठीक करते हैं।साथ ही आज मैंने सही अर्थों कविता के उस पंक्ति को जाना जिसमें कवि कहते हैं कि "तन हो सुंदर मन हो सुंदर, प्रभू मेरा जीवन हो सुंदर" न्यासयोग के मुलमंत्र को सही रूप में कार्य करने के लिए मैं नित्य अभ्यास पक्ष पर विशेष ध्यान देती हूँ।
इससे जुड़कर पता ही नहीं चला कि कब मैं न्यासयोग की हो गई और न्यासयोग मेरा। साथ ही मुझे यह भी लगता है कि न्यासयोग की इस विधा को अगर हर व्यक्ति समझ लें तो वो भी अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति ही पैदा न होने देगें और वो भी अपने जीवन के उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त कर लेगें।
धन्यवाद🙏🙏❤️
###################################
न्यासयोग अभ्यास से जीवन के सभी संकटों का निवारण संभव
लगभग एक वर्ष पूर्व से ही रीता मैम से मुझे *दिव्य प्रेम मंत्र* का ज्ञान मिलना शुरू हो गया था, सदैव ही कुछ न कुछ सीखने की जिज्ञासा से मैं अक्सर फ़ोन पर बातें करती और नई-नई बातें इनसे सीखती रहती – शिष्या के रूप में।
किंतु इस लॉकडाउन के दौरान रीता मैम के माध्यम से छः महीने का एक विशेष पाठ्यक्रम – *"न्यासयोग एवं तनाव प्रबंधन"* में हिस्सा लेने के बाद मैंने महसूस किया कि जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति एवं जीवन जीने की कला तथा जरूरतें तन, मन और धन एक साथ "न्यासयोग एवं तनाव प्रबंधन पाठ्यक्रम" के अभ्यास से प्राप्त कर पाना बहुत ही सहज है।
क्योंकि इसके अभ्यास से हम पूर्ण रूप से सकारात्मक उर्जा से भर जाते हैं और हमारी नाकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है, जिससे हमें पारिवारिक, सामाजिक बदलाव में भी बहुत सहायता मिलती है। इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है।
न्यासयोग से जुड़ने के बाद लगातार एनर्जी बॉल का अभ्यास और दिव्य प्रेम के जाप से मुझे आश्चर्यजनक रूप से अपने जीवन में कुछ बदलाव महसूस हुआ।
आज मैं अपने पति और बच्चों के साथ बहुत शांति महसूस करती हूँ, जबकि पहले हमेशा चिड़चिड़ापन और चिंता के भाव से भरी रहती थी।
किन्तु अब मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि मैं, पति और बच्चें सभी पॉजिटिव एनर्जी से भरे हुए हैं। मुझे अपने चारों तरफ श्वेत प्रकाश की ऊर्जा ही नजर आती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मैं पूर्ण रूप से श्वेत प्रकाश से भरी हुई हूँ।
Thank you sooo much Dr.Reeta Ji for the wonderful 3 day session. I thoroughly enjoyed it and learnt a lot.
earlier throughout the day whenever I felt disturbed I used to do gayatri mantra Jaap or simple "om sai ram" (not loudly but simply repeating it in my head)
now i just do the new nyas mantra Jaap.
The concept of thinking what we want has already happened is very true and that is exactly how I had gotten my very 1st job interview cleared. It's practised in Buddhism and my friend had introduced me to this concept. She made me chant "I am a brittania employee" just before the interview. I have followed this in other aspects of life as well.
I am a very strong believer of spirituality and love to explore new spiritual dimensions via different sources like art of living, Buddhism, transcendal mediation and now nyas yog.. Thanks to you and my mom for introducing me to it... I hope my mind soul and body get positivity from it and I am able to pass on that positivity in the world..
Recently I have been going through some tough times and the 3 day workshop has cleared my mind and made me stronger to face the challange that lay ahead of me.
Thanks again 😊
अनुभव न्यासयोग अभ्यास के
पूनम मैनी
छह मासीय न्यासयोग पाठ्यक्रम प्रशिक्षु
कनाडा
सुप्रभात मैम !!
आज कुछ ऐसा हुआ जो बताना था ।
मेरी आजकल शाम की शिफ्ट चल रही है तो रात में घर आना-जाना हो रहा है।
कल जब मैं कार्यालय से घर आ रही थी, जल्दी में मेरा बटुआ कहीं गिर गया, मुझे पता नहीं चला।
उसमें मेरा जरूरी सामान, कैश और घर की चाबी था।
मैं जब घर के बिल्डिंग के पास आई तो देखा, बटुआ नहीं है। घर में जाने की समस्या आई। सभी सोए थे।एक घण्टा प्रयास के बाद घर मे गई। मन बहुत दुखी था।
बार-बार नींद खुल रही थी। तनाव में दिव्य मंत्र का जाप करती रही। दिनभर जपती रही।
जाप करते-करते रो पड़ी।
शाम में दफ्तर पहुंची तो रिसेप्शन पर मेरे लिए एक लिफाफा था।
मैंने लिफाफा खोला और खुशी से मन झूम गया।
उसमे मेरा बटुआ और सब कुछ था। कुछ भी मिसिंग नहीं था।
यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। यहां ऐसे वॉलेट मिलाना तो असंभव बात है । लेकिन मेरा बटुआ बिलकुल वैसे के वैसे मिल गया, और पाता भी नहीं कौन दे गया।
न्यासयोग शक्ति का और आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। मुझे सही दिशा देने के लिए शुक्रिया !!
मुजे यकीन है कि न्यास मंत्र ने उस आदमी के मन को बदल दिया और उसने बटुआ वपिस कर दीया।
पूनम मानी
छह मासीय न्यासयोग पाठ्यक्रम प्रशिक्षु
कनाडा
##############$$$$$$##########$$$$$###
मेरा अनुभव-
नीलू सिंह, सबलपुर, बौंसी, बिहार
न्यासयोग तनाव- प्रबंधन ऊर्जा उपचार के ऑनलाइन छः माह के पाठ्यक्रम से जब मैं जुड़ी, वह वही पल था,जब मैंने अपने जीवन से जुड़ी हर छोटी से बड़ी बातों को न से हाँ में बदलना सीखा। यूँ कहूँ कि व्यक्ति, वस्तु और परिस्थितियों से जुड़ी हर पहलुओं को सकारात्मक भाव के साथ देखते हुए महसूस कर बोलने लगी। जिसका सारा श्रेय न्यासयोग को जाता है।जिसका अर्थ ही होता है- निकालना और रखना।जिसमें स्वयं के अंतरशोधन के क्रम में अपने अंदर की नाकारात्मकता को निकालना पड़ता है और सकारात्मकता को रखते हैं।न्यासयोग से जुड़े अपने अनुभव को बताने से पूर्व मैं यहाँ यह आप सबों से यह साझा करना चाहूँगी कि
मैं इस न्यासयोग से जुड़ी कैसे ?
मैं न्यासयोग से जुड़ने के पूर्व अपने जीवन में दूसरों के प्रति अच्छे व्यवहारों के बावजूद निराशा और नकारात्मक भाव-विचारों से घिरी रहती ।ईश्वर की पूजा अर्चना करती और कहती हे भगवान आप सब कुछ जानने वाले हो।मेरे से ऐसी भी क्या गलती हो गई कि मेरे अच्छे व्यवहार के बदले सामने से कभी -कभी निराशापूर्ण बातें सुनने को मिलती है।जिसकी वजह से मैं हमेशा मन ही मन में दुःखी हो जाती।इस तरह की बहुत सारी बातों का लगातार अध्ययन बड़ी दीदी कर रहीं थीं।वो हमेशा कहतीं-इतना मत सोचो सब ठीक हो जाएगा और न्यासयोग प्रक्रिया सीखने को कहती।मैं उन्हें बस इतना ही कहती ठीक है दी एक दिन आती हूँ।पर वह दिन किसी न किसी रूप में आता ही नहीं।
एक दिन रेखा दी ऐसे ही मुझसे मिलने आयीं और बोली तुम चलो तो मेरे साथ।वही वो पल था जब मैं रीता दीदी से फोन पर बातों ही बातों में छः महीने के न्यासयोग तनाव प्रबंधन ऑनलाइन पाठ्यक्रम के बारे में जाना और उसी समय दी के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से जुड़ गयी।
वही वो लम्हा था जब न्यासयोग मेरे जीवन में एक जादू की तरह आया और मैंने अपने जीवन से जुड़ी हर बातों को न की जगह हाँ में बदलना शुरू किया।प्रथम दिन के क्लास में ही मुझे न्यासयोग के सैद्धांतिक पक्षों को जानकर इतना अच्छा लगा कि मैं इस ओर ज्यादा सक्रिय हो गई।उस पर रविवार का अभ्यास क्लास तो मानो सोने पे सुहागा का काम किया।जिसमें अपनी ही ऊर्जा के माध्यम किस प्रकार से हम स्वयंं को ठीक रखने में सक्षम हो पाएंगे जाना।
सबसे बड़ी बात यह कि कैसे हम अपने अच्छे व्यवहारों के बावजूद दूसरों के बारे में चर्चा कर जाने अनजाने उसका कर्मफल अपना बना कर अन्तरमन में संचित कर लेते हैं।सच में न्यासयोग से जुड़कर मेरी स्वयं के साथ दूसरों के प्रति पूरी की पूरी मानसिकता ही बदल गयी।इसकी वजह से मेरा परिवारिक माहौल बिल्कुल ही बदल गया।
सभी चीजों को सकारात्मक भाव से देखते हुए मन में विचारों को संग्रहित कर शब्दों की माला में पिरोकर बोलती हूँ।न्यासयोग के दस अभ्यास वाक्यों के माध्यम से ही मैंने जाना अपनी खुशी की चाभी किसी दूसरे को नहीं देनी चाहिए।तात्पर्य अब मैंने इस खुबसुरत विधा के माध्यम से यह जान लिया कि जब यह आत्मा रूपी शरीर मेरा है तो इसके द्वारा किये गए अच्छे कार्यों के लिए खुश होने का अधिकार भी मेरा है।न कि किसी दूसरे की कही सुनी बातों से प्रभावित होकर दुःखी होने का।
मैं अब दूसरों की बातों से बिल्कुल भी दुःखी नहीं होती हूँ।जैसा कि न्यासयोग से मैंने जाना कि यह हमें अपने जीवन से जूड़ी हर बातों को सुक्ष्मता के साथ अध्ययन करना सिखाती है।मेरे घर एवं विधालय के सभी कार्य संतुलित एवं व्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है।मुझे शारीरिक परेशानियां रही है और मैं दवाईयाँ भी ले रही थी।परन्तु इससे जुड़ने के साथ से ही मैं पिछले तीन-चार महीनों से दवाई नहीं ले रही हूँ।
न्यासयोग विधा से जुड़े अभ्यास को प्रत्येक दिन करते रहने से अपनी ऊर्जा को हर दिन एक नये स्वरूप में अनुभव किया।जिसे व्यक्त कर पाना अपने आप में एक बड़ी बात है।अभ्यास के क्रम में स्वयं की ऊर्जा को गुरू ध्यान के साथ ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़कर उस शक्ति को महसूस करने का एहसास अद्भूत रहता है।जिससे मैं स्वयं को सरल और सहज महसूस करती हूँ।इसको लगातार करते रहने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है।मैंने यह अनुभव किया है कि मेरे सभी कार्य इस लॉकडाउन में मेरे कार्यक्षेत्र से सबंधित भी बड़े ही सरलता के साथ सम्पन्न होते जा रहे हैं।न्यासयोग से जुड़ी इतने कम दिनों मेरे बहुत सारे ऐसे अनुभव हैं, जिसे कलमबद्ध कर पाना सहज न होगा।
मैं मानती हूँ कि न्यासयोग मेरे लिए ही नहीं अपितु सबों के लिए एक जादू की तरह है।जिसमें हम अपने ही शरीर क्रिया विज्ञान अर्थात् अपने आतंरिक चक्रों को जागृत करके आतंरिक शोधन कर अपने बाहरी शरीर को जड़ से ठीक करते हैं।साथ ही आज मैंने सही अर्थों कविता के उस पंक्ति को जाना जिसमें कवि कहते हैं कि "तन हो सुंदर मन हो सुंदर, प्रभू मेरा जीवन हो सुंदर" न्यासयोग के मुलमंत्र को सही रूप में कार्य करने के लिए मैं नित्य अभ्यास पक्ष पर विशेष ध्यान देती हूँ।
इससे जुड़कर पता ही नहीं चला कि कब मैं न्यासयोग की हो गई और न्यासयोग मेरा। साथ ही मुझे यह भी लगता है कि न्यासयोग की इस विधा को अगर हर व्यक्ति समझ लें तो वो भी अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने की स्थिति ही पैदा न होने देगें और वो भी अपने जीवन के उच्चतम लक्ष्य को प्राप्त कर लेगें।
धन्यवाद🙏🙏❤️
###################################
न्यासयोग अभ्यास से जीवन के सभी संकटों का निवारण संभव
लगभग एक वर्ष पूर्व से ही रीता मैम से मुझे *दिव्य प्रेम मंत्र* का ज्ञान मिलना शुरू हो गया था, सदैव ही कुछ न कुछ सीखने की जिज्ञासा से मैं अक्सर फ़ोन पर बातें करती और नई-नई बातें इनसे सीखती रहती – शिष्या के रूप में।
किंतु इस लॉकडाउन के दौरान रीता मैम के माध्यम से छः महीने का एक विशेष पाठ्यक्रम – *"न्यासयोग एवं तनाव प्रबंधन"* में हिस्सा लेने के बाद मैंने महसूस किया कि जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति एवं जीवन जीने की कला तथा जरूरतें तन, मन और धन एक साथ "न्यासयोग एवं तनाव प्रबंधन पाठ्यक्रम" के अभ्यास से प्राप्त कर पाना बहुत ही सहज है।
क्योंकि इसके अभ्यास से हम पूर्ण रूप से सकारात्मक उर्जा से भर जाते हैं और हमारी नाकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है, जिससे हमें पारिवारिक, सामाजिक बदलाव में भी बहुत सहायता मिलती है। इसमें संशय की कोई गुंजाइश नहीं है।
न्यासयोग से जुड़ने के बाद लगातार एनर्जी बॉल का अभ्यास और दिव्य प्रेम के जाप से मुझे आश्चर्यजनक रूप से अपने जीवन में कुछ बदलाव महसूस हुआ।
आज मैं अपने पति और बच्चों के साथ बहुत शांति महसूस करती हूँ, जबकि पहले हमेशा चिड़चिड़ापन और चिंता के भाव से भरी रहती थी।
किन्तु अब मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि मैं, पति और बच्चें सभी पॉजिटिव एनर्जी से भरे हुए हैं। मुझे अपने चारों तरफ श्वेत प्रकाश की ऊर्जा ही नजर आती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मैं पूर्ण रूप से श्वेत प्रकाश से भरी हुई हूँ।
////-------////-------////------////------////------////
............made me stronger to face the challange that lay ahead
Swati Paliwal, Ludhiyana
earlier throughout the day whenever I felt disturbed I used to do gayatri mantra Jaap or simple "om sai ram" (not loudly but simply repeating it in my head)
now i just do the new nyas mantra Jaap.
The concept of thinking what we want has already happened is very true and that is exactly how I had gotten my very 1st job interview cleared. It's practised in Buddhism and my friend had introduced me to this concept. She made me chant "I am a brittania employee" just before the interview. I have followed this in other aspects of life as well.
I am a very strong believer of spirituality and love to explore new spiritual dimensions via different sources like art of living, Buddhism, transcendal mediation and now nyas yog.. Thanks to you and my mom for introducing me to it... I hope my mind soul and body get positivity from it and I am able to pass on that positivity in the world..
Recently I have been going through some tough times and the 3 day workshop has cleared my mind and made me stronger to face the challange that lay ahead of me.
Thanks again 😊
-------////---------////----------////----------////-
मानसिक तनाव मुक्ति में न्यासयोग अभ्यास सहायक,
रश्मि कुमारी, पटना
आजकल के सामाजिक परिवेश में स्त्री के प्रति हिंसा की भावना, आत्महत्या की प्रवृत्ति, शारीरिक हिंसा से ज्यादा भावनात्मक हिंसा आदि बढ़ गई है। मानवता को शर्मसार करने वाली बच्चियों के साथ आए दिन होने वाली घटनाओं से मन आहत रहता है। बाल मजदूरी बच्चों के बचपन को छीन लेता है।
आखिर इसका समाधान क्या है?
आज मानसिक तनाव मुक्ति में क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है जिससे आत्महत्या जैसी घृणित सोच का विनाश हो ।
मैं मानती हूं कि आध्यात्मिक विधा ही इसका समाधान है। पर कौन सी आध्यात्मिक विधा।
ज्योतिष को पढ़ते हुए विभिन्न कर्मकांडों को अध्यात्म से जोड़कर देखती रही और इसी से समाधान बताती रही। वह भी सही है, पर उसकी आड़ में भय और अंधविश्वास बहुत फैलता है।
जब न्यासयोग से जुड़ी, तब ऊर्जा के महत्त्व को समझ पाई।
मानसिक बदलाव को समझ पाई।
हर क्षेत्र में चाहे धर्म के हिंसा हो चाहे बच्चों के प्रति हिंसा हो चाहे स्त्रियों के प्रति हिंसा हो चाहे मानवता के प्रति हिंसा हो यह सब कुरीतियों का जवाब न्यास योग में मिला।
न्यास योग संस्कार परिवर्तित कर देता है आचार विचार संतुलित कर देताहै।
संकल्प सिद्धि एवं विश्वास सामाजिक बदलाव के आयाम है।
न्यास योग ऊर्जा उपचार सामाजिक बदलाव में बहुत कारगर है। इसमें संशय की संभावना ही व्यर्थ है हमारी सांसे हमारे जीवन जीने का माध्यम है।
सबसे पहले न्यास सिखाता क्या है ?सांसों पर नियंत्रण विचारों पर नियंत्रण ऊर्जा पर नियंत्रण। ऊर्जा पर नियंत्रण का मतलब ऊर्जा कैसी ?आनंद की ऊर्जा प्रेम की ऊर्जा योग्यता की उर्जा। व्यस्त ऊर्जा नकारात्मक एवं स्वतंत्र उर्जा सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाती है स्वतंत्र ऊर्जा अर्थात भीतर की ऊर्जा भीतर ही रहे बेहतरीन उर्जा का संचरण आनंद देती है आनंद बाहर नहीं होती भौतिक सुख साधनों में नहीं होती सामाजिक बदलाव में सफलता कब जब आपके ऊर्जा का सकारात्मक रूपांतरण हो ठहराव एवं विश्राम अवस्था की उर्जा विराट होती है ।
कला एवं विज्ञान दोनों का समन्वय विश्राम पूर्ण अवस्था एवं ठहराव न्यास योग साधना है। भीतर की नकारात्मकता से खुद की मुक्ति ही सामाजिक बदलाव है। यकीन शब्द बहुत ही पुख्ता सबूत है ताकत है सामाजिक बदलाव का। सद्गुरु पर विश्वास चमत्कारी परिणाम देते हैं विचार बदलाव का विचार ही कृत्य है इसके जरिए सामाजिक बदलाव निश्चित है।
सभी कुछ सकारात्मक विचार एवं संकल्प शक्ति का परिणाम है दुख बोएगे दुख काटेंगे। सामाजिक बदलाव को सकारात्मक रूप से साकार करने के लिए खुद पर भरोसा एवं यकीन जरूरी है।
श्वास खुद पर नियंत्रण सांसों पर सामाजिक बदलाव का सकारात्मक परिणाम देगा। चेतना अगर जागृत है यकीनन सामाजिक बदलाव तुम्हारे अनुरूप होगा जैसा चाहोगे वैसा होगा अध्यात्म की धार में खुद को छोड़ दो नैया पार लग ही जाएगी विचारों की ऊर्जा का गलत पैटर्न खुद को नहीं सुधरने देगा तो सामाजिक बदलाव क्या होगा। सर्व स्वीकार अर्थात ध्यान में पूर्णता समर्पण का भाव तार्किकता से परे होना।
इन पर यकीन सामाजिक बदलाव में हंड्रेड परसेंट सिद्धि देगा।
बात यह होती है कि हम कितने योग्य हैं हम कृतज्ञ बने। कृतज्ञता ही संपन्नता देती है शिकायते विपन्नता देती है तो हम बदलेंगे तभी परिवार बदलेगा परिवार बदलेगा तभी समाज बदलेगा समाज बदलेगा तभी विश्व का कल्याण संभव है।
अपनी मुश्किलें गिन कर नियामत खो देने से बेहतर है अपनी नियामत गिनते समय गिनती भूल जाएं।
-----////--------////---------////--------////---------
न्यास अभ्यास से जीवन के मूलभूत आवश्यकताओं की प्राप्ति संभव
संगीता पालीवाल, भोपाल
हमारा जीवन ईश्वर का दिया हुआ बहुत सुंदर और अनमोल रत्न है जिसे हमको संभाल कर रखना है ।हम अपने जीवन को तीन बातों से संभाल और सुधार सकते हैं वो है
* निर्मल , स्वच्छ , प्रसन्न मन
* स्वस्थ शरीर यानि तन
* व्यवस्थित धन
से प्राप्त कर सकते हैं।
एक अच्छा और बेहतरीन जीवन जीने के लिए ये तीनों तन , मन, और धन व्यक्ति की आवश्यक जरूरत हैं ये तीनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं यानी एक दूसरे के पूरक हैं ।
मन - हमारा मन कुछ भी मांग सकता है। बोल सकता है।
इसको निर्मल , स्वच्छ , प्रसन्न और तनाव मुक्त रखना अति आवश्यक है । इसको सही रखने के लिए हमें उच्च कोटि का ध्यान और प्राणायाम करना होगा। इससे हमारा मन स्वस्थ, प्रसन्नचित और तनाव मुक्त होगा ।
तन - अब बारी आती है तन की इसको स्वस्थ, निरोगी और फिट रखने के लिए हमें योगासन करने होंगे जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और निरोगी रहेगा । हम सभी कार्य सुचारू रूप से कर पाएंगे ।
धन - यहां धन से मतलब केवल रुपया पैसा ही नहीं है, व्यक्ति नाम, शोहरत , रूत्वा , समाज में या दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त करने से भी है । अब इन सभी को प्राप्त करने के लिए हमको कड़ी मेहनत करनी होगी। तभी ये सब हमको प्राप्त होगा ।
यह सब हम दुखी मन या मानसिक तनाव में या रोगी ,आलसी , अनफिट शरीर से तो नहीं प्राप्त कर सकते ।
इसीलिए प्रथम अपने मन को संतुलित , तनाव मुक्त और प्रसन्न ध्यान और प्राणायाम के द्वारा रखना होगा ।
मन प्रसन्न होगा तब हमारा तन काफी हद तक स्वस्थ रहेगा बाकी का हमें योग और आसन द्वारा अपने शरीर को लचीला तथा स्वस्थ बनना होगा।
जब तन और मन दोनों ही प्रसन्न, आनंदित, स्वस्थ, निरोगी और तनाव मुक्त होंगे तब मेहनत करने का मन भी होगा और कार्य करने में हमको आनंद की अनुभूति भी होगी जिससे हमारा प्रत्येक कार्य सही तरीके से और व्यवस्थित रूप में होगा ।
जिससे हमें हर प्रकार के समृद्धि की प्राप्ति होगी।
हमने स्वस्थ जीवन को जीने की कई शैली सीखी।
अभी इस लौकडाउन में अपने मित्र रीताजी के सहयोग से एक विशेष पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला - न्यासयोग एवं तनाव प्रबंधन
हमने महसूस किया जीवन जीने की तीनों जरूरत मन, तन और धन को एक साथ " न्यास योग एवं तनाव प्रबन्धन पाठ्यक्रम" के अभ्यास से प्राप्त कर सकते हैं।
---------------------------------------------------------------------------
---------------------------------------------------------------------------
28 comments:
Gazab kya baat hai
ऊर्जा से परिपूर्ण लेख..
लिखने का साहस करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.. लिखते रहें..उर्जित रहें
Well written. Proud of you dear friend.
बहन जी नमस्कार,
बहुत अच्छे बिचार हैंआपके। निरंतर लिखते रहें।आपके अंदर बिचारों को व्यक्त करने की शक्ति है ।
दिल से धन्यवाद
मेरे प्रथम लेखन की हौसला अफजाई के लिए आप सभी का दिल से धन्यवाद् । आप सभी के कॉमेंट्स से मेरा आत्मविश्वास और बढ़ा है ।
Very motivating. Good. Keep on writing. One should follow.
Bahot hi achha likha sangeeta, well done
It is truth of life n thankful that you r propagating the knowledge you r acquiring such hard work. Keep it up.
Ranjana Singh
Very well written and motivational too. Continue writing
Yoga is very essential part of our life. Very
useful information
पढ़कर अच्छा लगा। सकारात्मकता फैलाना मानवता का एक अच्छा कार्य है। खुश रहें और जितना संभव हो खुशी फैलाएं।
Bohut aacha laga....Itna sundar itna badhiya apne likha hai.
सभी को बहुत बहुत धन्यवाद
😑🙏🙏🙏
Bahut hi sundar anubhaw thanks by heart to all nyasyog family maha guru ji or hmare guru ji dr reeta singh di ko st st naman.
धन्यवाद
अपना नाम दिया करें ताकि हमारा परिचय बढ़े।
धन्यवाद
धन्यवाद
पढ़ते रहें आगे भी
संगीता पालीवाल - नीलू जी आपका बहुत अच्छा और सच्चा अनुभव है । सच्चा इसलिए कि यही सब मै भी अनुभव करती हूं। मै भी सभी से आग्रह करना चाहूंगी कि हमारे अनुभवों को जो भी पढ़े वो आगे आए और न्यास योग ऊर्जा उपचार पद्धति को दिल से अपनाए और नीलू जी तथा हम सभी की तरह भरपूर लाभ पाए । इस विधा से जुड़ने के लिए हमारी ग्रैंड मास्टर डॉक्टर रीता सिंह से संपर्क करें ।
A13 Rashmi kumari
न्यास योग उर्जा उपचार
में सिलसिला अनुभवों का
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
का प्रस्फुटन दर्शाता है।
एसी सार्थक लेखनी ही
सामाजिक बदलाव की
प्रेरना स्तंभ की कुंजी है
डाक्टर रीता सिंह द्वारा
दिखया गया रास्ता
परिवार समाज एवम्
विश्व कल्याण की
देवमय भावना से
ऊर्जावान बनने की
संकल्प साधना है।
किनारों के
A--33 sangeeta paliwal
Wowwwwwww ponam ji nyasyog ka aapka great experience .
नीलू सिंह-न्यासयोग से जुड़ना ही अपने-आप में एक सफलता का अनुभव है।जो स्वयं में स्थिरता लाकर सारे कार्यो में सरलता का रास्ता तैयार कर देता है।इसलिए इस विधा को पूनम मैनी जी के जैसा अनुभव प्राप्त करने के लिए निश्चित रूप से अपनाए।रीता दीदी, हम सबों को इतना सुखद अनुभव प्राप्त कराने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
नीलू सिंह-न्यासयोग से जुड़ना ही अपने आप मेंं सफलता का अनुभव है।यह एक ऐसी विधा है,जो स्वयं में स्थिरता प्रदान कर जीवन से जुड़ी हुई हर कार्यों में सरलता ला देती है।इसलिए पूनम मैनी जी एवं हम सबों की तरह इसका सुखद अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं तो इसे पढ़कर अपनाऐं ।रीता दीदी, हम सबों को इतना सुखद अनुभव कराने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
धन्यवाद
आपलोग के अनुभव सभी के लिए लाभकारी होंगे
धन्यवाद
✍️✍️🌹
Post a Comment