प्रतिदिन जितनी बार मल-मूत्र का त्याग करें, उतनी बार दांतों की दोनों पंक्तियों को मिलाकर जरा जोर से दबाये रखें। जब तक मल और मूत्र निकलता रहे तब तक दांतों से दांत मिलाकर दबाए रखना चाहिए। लगातार ऐसा करने से कमजोर दांतों की जड़ मजबूत हो जायगी। सदा इसका अभ्यास करने से दन्तमूल दृढ़ हो जाता है और दांतों में किसी प्रकार की बीमारी होने का कोई डर नही रहता है।
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