Dr. B.P. Sahi in Nyas Yog class
Founder Director: Institute of Healing and
Alternative Therapy
M.A. (Psy.) Gold medalist, DMS (Hons), G.M.
D.H.M.S. (Hons). D.P.H. (U.K.)
Spiritual Grand Master, Reiki Master, Karuna Reiki Master
M.A. (Psy.) Gold medalist, DMS (Hons), G.M.
D.H.M.S. (Hons). D.P.H. (U.K.)
Spiritual Grand Master, Reiki Master, Karuna Reiki Master
Ex. Clinical Psychotherapist
Department of Psychiatry, P.M.C.H., Patna
Department of Psychiatry, P.M.C.H., Patna
Founder Member:
The World Foundation for Natural Medicine (U.K.)
The World Foundation for Natural Medicine (U.K.)
Patron:
The White Rose Foundation (U.K.)
President :
Reiki Association of Patna
Patna Reiki Club
The White Rose Foundation (U.K.)
President :
Reiki Association of Patna
Patna Reiki Club
गुरुजी यानी डॉ बी.
पी. साही। सरल, सौम्य, शांत, आकांक्षारहित, मृदल, स्नेही। चेहरे पर मुस्कान। संयमित स्वर। ओजस्वी वक्तव्य। यदा-कदा
मधुर डांट। मानव मात्र के कल्याण के निमित्त पल-पल का जीवन
समाज को समर्पित ।
न्यास योग
आध्यात्मिक चिकित्सा पद्धति के प्रर्वतक गुरु डॉ. बी. पी. साही किसी परिचय के
मुंहताज नहीं हैं। पिछले तीस सालों से वे लोक-कल्याण हेतु मौन सेवा दे रहे हैं। श्री
श्री राम ठाकुर परम्परा से दीक्षित गुरुजी ने कई परम्परा के सुन्दर पक्ष को सीखा
और अपनाया। आज भी गुरुजी नित्य नई खोज में संलग्न रहते हैं, ताकि संर्पूण जगत अध्यात्म की सुन्दर कृति
नजर आए।
आठ वर्ष की उम्र
मेँ अपने गुरु श्री एच एम चक्रवर्ती के सानिध्य में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक
साधना प्रारंभ की। जप, ध्यान, साधना की हर सीढ़ी लांघकर ईश्-कृपा प्राप्त की। हमें अहसास है, पर वे निर्लिप्त हैँ। कहते हैं- " बस अभिमान त्याग दो,
सब मिल
जाएगा।"
तंत्र-साधना के
विभत्स, कठिन
और डरावना स्वरुप को इन्होंने बदल डाला। गुरुजी कहते हैं-"तंत्र यानी
व्यवस्था। सही ढंग से जीवन जीने की कला ही तंत्र है। " उनकी
शिक्षा है- "मनोवृति में बदलाव, प्रवृति पर नियंत्रण, चित्त- शक्ति के विलास में विश्वास ही
तंत्र-साधना है। तंत्र-साधना कुछ पाने का माध्यम नहीं है,
यह लोक-कल्याण के
लिए स्वयं को सशक्त बनाने का माध्यम है।"
लोक-कल्याण की
भावना से अभिभूत गुरुजी ने गुरु-आदेश से न्यास-साधना को न्यास-योग में तब्दील किया, ताकि जन-जन में साधना का सही स्वरुप
निरुपित हो जाए। न्यास-योग शरीर, मन और आत्मा में संतुलन स्थापित करता है। न्यास-योग एवं तनाव प्रबंधन कार्यक्रम के
द्वारा युवा-वर्ग को दिशा-निर्देशित कर गुरुजी समाज की रीढ़ को स्वस्थ करने में लगे
हैं। नशा-विमुक्ति कार्यक्रम के द्वारा समाज
को भौतिक और मानसिक दोनों नशा से मुक्त कराने का प्रयास विश्व स्तर पर चल रहा है।
उनके गुरुजी ने
कहा था-" तुम्हारी मौन साधना समाज को आवाज देगी।" गुरुजी कहते हैं- " आप सभी मेरी आवाज बन मेरे गुरुवाणी
को सत्य बनाया।" अद्भूत है गुरु-लीला। उनका सानिध्य बना रहे। आशीर्वाद बरसता
रहे । जन्मदिन पर भावभरा चरण स्पर्श।
समस्त न्यास योगी परिवार
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