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Tuesday, 29 November 2022

न्यासयोग अनुभव - स्मिता सुप्रीति

शुभ न्यास दिवस 
30.11.2022  
स्मिता सुप्रीति, रांची 
   न्यासयोग में जुड़ने से पता चला कि  सकारात्मक और नकारात्मक क्या हैं?निः+अस् न्यास के बारे में जानी।
मैं अपने मिक्सी से अंगुली कटने ,गढ्ढे में गिरकर बाहर निकलने,या बच्चों की बिमारी में,अपने पति के हर  तनाव की घड़ी में साथ रहने को ही सकारात्मक समझती थी।
मेरी गुरू ने मुझसे एक दो प्रश्न किये जिससे मुझे मेरे नकारात्मक होने का पता चला। फिर भी मैं यह समझ नहीं पा रही थी,नकारात्मकता निकालूंगी कैसे?असंभव लगा था।यह प्रश्न पर मैं कुछ ज्यादा ही मंथन करने लगी थीं।
      जब  मुझे आज के दिन के दस वाक्य मिलें और दिव्य प्रेम एवं दिव्य क्षमा मंत्र मिले।अपने को जज करने के लिए सकारात्मक और नकारात्मक मार्क्स जोड़ने और घटाने पड़े,उसी समय मैने ठान लिया इस जोड़ घटाव से अच्छा हैं कटु शब्द,आलोचना,और आक्रोश को बस यहीं छोड़ दो।उसके बाद खुद ही समझ आ गया निः+अस् का अर्थ, सकारात्मक रहेगा कैसे और नकारात्मकता को निकालेंगे कैसे।
      हमें दुसरे की मानसिकता नहीं बदलना है ,स्वयं के मानसिकता को विकसित करना है,बदलना है।मानसिकता बदलाव के लिए  बहुत कुछ खोना है।कटु शब्दों के बाण, चिड़चिड़ापन, क्रोध,किसी की हंसी उड़ाना,शिकायतें करने या सुनने,अपने तनाव ईर्ष्या, दूसरो की अवहेलना करने की आदत को खोना पड़ेगा।
            न्यासयोग पाठ्यक्रम में
सबसे महत्त्वपूर्ण है, हमारी  नकारात्मकता ही पूर्णतः समाप्त हो जाती है। 
        न्यासयोग ऊर्जा उपचार सामाजिक बदलाव में अहम् रुप से कारगर है।आज की व्यस्ताओं भरी तनाव पूर्ण जिंदगी में हरेक दिन खुद की ऊर्जाओं के साथ कम से कम आधा घंटा बिताए तो हमारे जीवन की नकारात्मकता हमें छोड़ कर चलीं जाएगी, औंर हम तन और मन दोनों से स्वस्थ हो जाएंगे।जब हम स्वयं स्वस्थ्य और सकारात्मक हो जाएंगे तो अपने आप आस पास के व्यक्ति और वातावरण भी स्वस्थ एवं सकारात्मक हो जाएंगे। यही से समाजिक बदलाव की शुरुआत होगी।
        आज के लोगों में किसी कार्य के प्रति धैर्य, विवेक एवं सामंजस्यता की कमी है,एक दूसरे से  आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण में ऊपर उठने की चाह से उनमें द्वेष,ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा इत्यादि मानसिक रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं।
खाने पीने और सोचने की अनुचित आदतों से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं।
न्यासयोग में जुड़ने से ,गुरु के निर्देशानुसार  बताए गए अभ्यासों को करने से हमारी ऊर्जा बिम्ब सुक्ष्म से सुक्ष्म विपदाओं से हमें तथा हमारे अपनो को संरक्षित करती हैं।पितृदोष जो हमारे समाज के लिए सबसे बड़े दोष के रूप में बताए जाते हैं और इससे बचने के लिए कई प्रकार के कर्मकांड बताए जाते हैं।
 न्यास योग में यह बहुत सहज तरीके से बताया जाता है और इसे आनन्दोत्सव के रूप में मनाकर पूर्वजों के प्रेम से जोड़ देता है। पितृदोष से मुक्ति एक पीढ़ी ही नहीं वरन् सात पीढ़ियों के लिए बताया जाता हैं।
"दिव्य प्रेम प्रगट हो,रोग शोक नष्ट हो" मंत्र के जप से सभी तरह की शारीरीक एवं मानसिक रोगों से निजात पा सकते हैं।
         मैं अपनी गुरु डा. रीता सिंह जी की सदा आभारी रहुँगी,जिन्होंने मुझे
  न्यास योग उपचार एवं तनाव प्रबंधन पद्धति के लिए अपनी शिष्य के रूप में स्वीकार किया।
यह पद्धति समग्र रूप में मन को बदल देती है। जीवन के आदर्श गुणों से परिचय करवाती है। ईर्ष्या, क्रोध, आक्रोश सबसे दूर रहने का तरीका सिखाती है। 
प्रेम, क्षमा, सफलता के साथ जीने की कला सिखाती है। इससे अच्छा और क्या चाहिए?
अपने जीवन में आएं बदलाव के आधार पर कहती हूँ कि इसका अभ्यास समाज में बढ़ जाये यो बदलाव आना ही है।
इस सुंदर आभ्यास को लाने के लिए न्यास गुरु डॉ बी पी साही को बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
                  

Saturday, 23 July 2022

न्यासयोग हनुमान चालीसा चक्र अनुष्ठान

हनुमान समृद्धी अनुभव
अभिनव क्षीरसागर
 
मई के महिने में मुझे रीता मासी के द्वारा एक जॉब offer मिला जो फ़िल्म समारोह  निदेशालय दिल्ली मे था। 
मैने वह जॉब २ महीने कोट्रैट बैसिस पर किया था और अपने  ३ ईयर की परीक्षा देने के लिए में वापिस पुणे आया। 
सिर्फ १० दिन हनुमान समृद्दी करने से, आज पुनः मुझे एक नया ५ महीने का कंट्रैट उसी विभाग में मिल गया है।  मैने मेरी मम्मी को भी इस अनुष्ठान से जोड़ और कल ही उन्हे १००० धन राशी प्राप्त हुई। 
केवल २ ही दिन हुए इस प्रक्रिया से जुड कर उन्हें आर्थिक लाभ हुआ। अभी से समृद्दी का आवागमन होने लगा है। 
सब मासी की कृपा है, और हनुमान ऊर्जा का प्रभाव हमारे जीवन पर। 
आशा करता हूँ न्यास के बाकी सदस्य और बाकी सभी लोग जो इस अनुष्ठान से जुड़े ही सबको जल्दी समृद्दी प्राप्त हो। 
न्यास ऊर्जा, हनुमान ऊर्जा और मासी का बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙇

Monday, 21 June 2021

न्यासयोग बेसिक क्लास अनुभव

प्रेम और क्षमा जैसे दो शब्दों से जिंदगी को आसान कर दिया। 

लक्ष्मी शुक्ला, लखनऊ



 मुझे न्यास योग से जुड़े हुए लगभग एक वर्ष हो गया है। इसलिए मैं सभी से न्यास योग के द्वारा हुए कुछ अनुभवों को साझा करना चाहती हूँ। 

जिसके लिए सबसे पहले मैं अपने न्यास योग प्रणेता डा0 बी0 पी0 साही जी को धन्यवाद देना चाहूंगी जो न्यास योग नामक विधा को हमारे बीच लाये। गुरु जी ने पटना, बिहार मे हीलिंग एंड अल्टर्नेटिव थेरेपी संस्थान की स्थापना की। न्यास योग हमारे शारीरिक और मानसिक तनाव को खत्म करके हमें स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखाता है। 

      उसके बाद मैं अपनी ग्रैंड मास्टर डा0 रीता सिंह मैंम को धन्यवाद देना चाहूंगी जो वर्तमान में HOD, Education department at A.N. College and Founder, centre for nyas yog and alternative therapy Patna, Bihar हैं। जिन्होंने बहुत ही सहजता, सरलता प्यार से इस विधा को हमारे अंदर मे उतारने का प्रयास किया और कर रहीं हैं।

न्यास शब्द नि+अस से बना है जिसका अर्थ है निकालना और रखना। सच ये निकालने व रखने की प्रक्रिया बड़ी ही मज़ेदार और जादुई है। इस प्रक्रिया मे मानसिकता बदलाव के “आज के दिन के दस वाक्यों” को प्रतिदिन न्यास अभ्यास के द्वारा स्वयं मे धारण करने के प्रयास ने मेरे सोचने की दिशा को बदल दिया और मैं स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करने लगी। अब अगर मन में कभी नकारात्मक विचार आते भी हैं क्योंकि विचार तो विचार हैं कैसे भी हो सकते हैं तो सकारात्मक विचारों से तुरंत उसकी सफाई हो जाती है।  

मेरा पहला अनुभव 

अच्छी नींद का आना- न्यास मे जुड़ने से पहले मुझे कई- कई दिनों तक नींद ही नहीं आती थी, लेकिन जबसे मैं न्यास योग से जुड़ी हूं तब से मुझे बहुत ही अच्छी नींद आने लगी है। मैं रात को साढ़े तक सो जाती हूँ और प्रातः साढ़े तीन तक मेरी आँख स्वतः खुल जाती है। दिन भी अच्छा रहता है। 

मेरा दूसरा अनुभव 

भावुकता पर नियंत्रण - पहले किसी भी व्यक्ति, वस्तु, परिस्थिति की तरफ से यदि कुछ भी विपरीत हुआ तो मन बहुत ही दुखी हो जाता था और रोना आता  रहता था, पर न्यास मे आने के बाद अब ऐसा कुछ भी नहीं होता है।    

मेरा तीसरा अनुभव 

समृद्धि के सम्बंध मे- मेरे नए घर मे मेंटीनेंस से संबन्धित कुछ काम पेंडिंग पड़े थे। वह सब कंप्लीट होते चले गए। यह है न्यास का कमाल क्योंकि सकारात्मक भाव से हम जो सोचते हैं वैसा होता जाता है। जैसा हम स्वयं के बारे में सोचते हैं वैसे हम होते जाते हैं।  

मेरा चौथा अनुभव

 स्वास्थ्य के सम्बंध मे- अभी हाल मे ही मेरे पेट मे बहुत ही भारीपन सा लगता रहता था, भूख भी नहीं लग रही थी, constipation की भी समस्या हो रही थी। ऐसे मे रीता मैंम के द्वारा सिखाये गए दिव्य प्रेम मंत्र व दिव्य आरोग्य मंत्र के जाप एवं सिंबल द्वारा चिकित्सा के लिए जल को तैयार किया। फिर दिव्य प्रेम मंत्र का ध्यान करते हुए चिकित्सा जल को दिव्य जल और दिव्य औषधि के रूप मे ग्रहण किया तो मेरे पेट की समस्या से मुझे निजात मिली। 

    इसके अतिरिक्त हमारे घर मे, हमारे कार्य क्षेत्र में या कहीं भी किसी व्यक्ति, वस्तु व परिस्थिति से संबन्धित कोई समस्या होती है तो रीता मैंम के द्वारा सिखाये गए न्यास मंत्र एव उपायों का प्रयोग करते ही सब कुछ ठीक व सकारात्मक हो जाता है। 

    अंत मे मैं एक बात और साझा करना चाहूंगी कि यह सब कुछ गुरू जी के आशीर्वाद, विश्वास व रीता मैंम के प्यार और सानिध्य से ही संभव हो पाया है।  

   रीता मैंम आपका पुनः दिल से आभार वा बहुत–बहुत प्यार क्योंकि आपने प्रेम और क्षमा जैसे दो शब्दों से जिंदगी को आसान कर दिया। 

“दिव्य प्रेम प्रगट हो, रोग शोक नष्ट हो। दिव्य क्षमा प्रगट हो, रोग शोक नष्ट हो।“

Friday, 21 May 2021

Nyas Yog Experience by Malini Menon from Kochi, Kerala .

Namaste,
Dear all,I am Malini Menon from Kochi,Kerala 



 I would like to share some of my Nyas Yog experiences.

Nyas means to keep positivity inside us and release all negativity outside.Nyas Yog founder - director,  Dr.B.P.Sahi started the Institute of Healing and Alternative Therapy at Patna,Bihar. Mrs..Sumita Sahi is the deputy director and chief coordinator of the institute.I have been learning Nyas Yog since July 2020 under Grandmaster Dr.Reeta Singh,founder of Shrimad Foundation and HOD,Department of Education,A.N.College, Patna.

Before I write about my personal experiences, I would like to mention a passage taken from the book titled "Gurumukh" authored by Dr.Reeta Singh.
The following question was asked by a student to our guruji late Dr.B.P.Sahi. He asked"Some people say that life is a struggle and some others say its a game while others say its a festival.Which of this is true?".Our beloved guruji calmly answered "Those who don't have a guru in their life,their life becomes a struggle.When people have a guru,their life becomes a game and those who follow the teachings of their guru,their lives become a festival."
How beautiful and meaningful are these words of wisdom.

To begin with,
1.Higher Level of Positivity
The first experience was an increase in positivity and happiness.I am basically a positive person but when situations become tough,I do find it difficult to always to remain a state of positivity but from the very second day of Nyas initiation ,it gave me a really good feeling about everything.

2.Wish Fulfillment
My second experience was a wish fulfilled in a very short time.We were taught to manifest our desires through simple techniques.I was happy to be a part of Nyas yog and really wished that my family members also be a part of this wonderful yoga and wanted them to be initiated.Unbelievably within a very short period of 2 weeks they too got initiated into Nyas Yog.

3.Flowering of Plants
We were taught Divya Samvriddhi Nyas for prosperity and as a part of it I visualized flowers in my garden.Many years ago,we had plenty of variety of flowers our garden but years later, there were hardly any flowers but I was surprised to see many plants flowering again after visualization of prosperity around my house.

4.Disappearence of Body Pains 
During a Pitri Nyas Anushthan ( a Nyas dhyan in which we ask for forgiveness  and give forgiveness from our ancestors and get blessed by them ) too ,our teacher Dr.Reeta Singh maam always suggested to chant the basic Nyas mantras on areas where we experience any kind of discomfort or pain.Since a few days during that anushthsn I was having a slight discomforting pain in my hip-thigh joint muscle and during the class one day I did as she suggested and within seconds the pain disappeared and I was amazed.
At about the same same time I was developing a slight pain in one of my vertebrae and when it become a discomfort,I asked Maam ,why I was getting these pains  and she told me that the energy blocks are being removed and it will go away and that I could chant the basic Nyas mantras which will remove the problem but due to my busy schedule I didnt chant and my pain kept increasing and finally it became painful for me to even get up from the bed in the morning and at that time I started focussing the mantras in that area and chanted continuously for a few times daily and very soon even the pain just magically disappeared.These incidents. furthered strengthen my faith in the healing power of Nyas Yog.
Like wise I was able to feel the immediate healing effects in other minor body pains .

5.Positivity in your Family 
I was able to see that positivity was being experienced in a better level at home.

6.Self Transformation through simple 10 affirmations and chakra balancing.

The very basic foundation of Nyas focuses on self transformation into Divine Love and one needs to systematically affirm 10 simple self trasforming positive affirmations on a daily basis and practice basic  chakra balancing.Even though it is very simple and everyone knows about these principles,the actual transformation requires a small amount of effort to follow them.I too am trying to conform with the principles of these 10 statements and trying  my best to put them into practice.This itself is a transformation exercise which gives you peace and control over your immediate responses and ability to deal with a given situation in best possible way.This has also made me to be more understanding and forgiving towards others.

These were some of my initial experiences and I will share a few others soon.I am grateful and thankful to my teacher Dr.Reeta Singh for teaching this valuable yoga through online platform.Being part of this Guru-Shishya sampraday,has been a great experience for me.
Basically through this yoga the aura of positivity increases and brings joy to your life, fulfilling your desires.I am also grateful and thankful to Sumita Maam, grandmasters Anandita Banerjee and Rekha Singh from whom also I have been able to learn.Once again I thank our beloved Guruji who dedicated his life for spreading awareness of this wonderful yog and all grandmasters and healers of the Nyas yog family working towards this noble  cause.

Nyas teaches us to use our own energy to heal all problems we face in life  in a simple manner and regular practise of this yog can be done at our homes at our convenience .It provides us with sense of strong positivity and protection from diseases and negativity and helps us to advance spiritually.It can be practiced by all people irrespective of their age,gender and religion.

Wishing all a happy,healthy,successful and prosperous life and thanking you all for your patience and time,
Malini Menon.

Thursday, 10 December 2020

न्यासयोग ऊर्जा बिम्ब अभ्यास अनुभव

सेकेंड सेमेस्टर, दिसम्बर, 2020

1. ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के अनुभव बताएं।

 Sangeeta Paliwal:

P47     

 ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के मेरे अनुभव -

* हमारी प्रशिक्षिका रीता दीदी ने सर्वप्रथम जब हमें ऊर्जा बिम्ब बनाना बताया तब कुछ समझ आया पर कुछ खास अनुभव नहीं हुआ।

*प्रथम प्रक्रिया रविवार क्लास की चारों चक्रों के साथ हाथों पर ब्रह्ममांड की दिव्य ऊर्जा  को लाना  बहुत सुंदर और अलग अनुभव था।

* उसके बाद की क्लास में इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए दीदी ने एक - एक चक्र को विस्तार से बताते हुए हमें हमारी ही दिव्य , सकारात्मक ऊर्जा से जब मिलवाया तब उस पूरे दिन मुझे मेरा अंदर का शरीर सफेद प्रकाश से रोशन हुआ महसूस हुआ।

* ऊर्जा बिम्ब प्रक्रिया  बहुत ऊर्जावान और सुरक्षात्मक लगती है । वैसे तो ये ये प्रक्रिया हर एक प्रक्रिया से पहले आवश्यक प्रक्रिया है अवश्य करनी होती है । परन्तु मैं कई बार सिर्फ ऊर्जा बिम्ब अभ्यास ही करती हूं । मुझे बहुत अच्छा महसूस होता है।

* रीता दीदी ने ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के साथ दो मंत्र भी दिए थे । जो इस अभ्यास के साथ दोनों मंत्रों का जाप करना मुझे एक अलग दुनिया में ले जा चुका है । जो मै खुद और मेरे परिवार के सदस्य मेरे अंदर उस सकारात्मक भाव और बदलाव के प्रत्यक्ष गवाह हैं ।

* मै ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के साथ बहुत खुश , स्वस्थ, प्रसन्न, सकारात्मक, संतुष्ट हूं और हमेशा रहूंगी।

धन्यवाद हमारे पूज्य गुरुदेव डॉक्टर बी पी साही जी को और हमारी प्यारी प्रशिक्षिका डॉ रीता सिंह दीदी को। 

धन्यवाद 🙏

Kanchan bhalotia:

P21

शुभ न्यास दिवस🙏

प्रश्न : ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के अनुभव बताएं?

उत्तर: ऊर्जा बिम्ब या जिसे हम एनर्जी बॉल भी कहते है का मेरा पर्सनल अनुभव बहुत ही चमत्कारी है। मानो जैसे कोई अधूरी ऊर्जा को कनेक्शन मिल गया हो।

ऊर्जा बिम्ब से अब मैं आपने अपको बहुत प्रोटेक्टेड महसूस करती हूं। किसी को भी हीलिंग देने से पहले मेरी तबिया नासाज हो जाती थी, अब ऐसा कुछ भी नहीं होता।

ऊर्जा बिम्ब का कॉम्बिनेशन दिव्य प्रेम के मंत्र के साथ मेरे लिए मानो अब जीने का आधार बन गया है। कुछ भी विचार आने से अब मन नहीं घबराता, अब जैसे मेरे पास बहुत ही सहज और सरल औजार मिल गया हो। हर व्यक्ति वस्तु और परिस्थिति को बस एनर्जी बॉल में डाल कर हम कुछ भी सकारात्मक ऊर्जा को बढाने में सक्षम हो गए है।

कृतज्ञ हूं Dr. रीता दीदी और हमारे Dr. B.P Sahi जी का🙏, उनके आशीर्वाद और प्यार के बिना यह संभव नहीं हो पाता🌺

आप सबका प्यार और आशीर्वाद बना रहे।🙏

Padma Hiraskar:

ऊर्जा बिंब का मेरा अनुभव:

शुरू शुरू में जब ऊर्जा बिंब बनाते थे तो हमें अपनी उर्जा का एहसास नहीं होता था। लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास करते करते अब ऊर्जा बिंब के बारे में जस्ट सोचते हैं तो ही ऊर्जा अपने आप प्रस्तुत हो जाती है और दोनों हाथों में झनझनाहट सनसनाहट हल्का भारी महसूस होता है । 

अब तो अपनी हर समस्या चाहे वह व्यक्ति वस्तु परिस्थिति की ही क्यों ना हो- को हम ऊर्जा बिंब में डालकर - उसे दिव्य प्रेम और दिव्य क्षमा से अभिमंत्रित करके सारी नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करते जा रहे हैं ।

 यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा चमत्कार ही है। और अब हमें किसी भी नकारात्मकता से  भय नहीं लगता । अब सब कुछ अपने हाथों में ही है। सारी दुनिया जैसे हमारे हाथों में ही समा गई है- इस ऊर्जा बिंब के रूप में। 

बहुत-बहुत धन्यवाद हमारे पूज्य गुरुदेव डॉक्टर बी पी साही जी को और हमारी प्यारी प्रशिक्षिका डॉ रीता सिंह दीदी को जो हमें हमारी अपनी ऊर्जा से जोड़ दिया।

Gayatri hiraskar:

P14

पहले ऊर्जा महसूस करने में दिक्कत होती थी अभी  ऊर्जा बिंब बनाने से पहले ही  ऊर्जा महसूस होती है हाथों में| 

व्यक्ति वस्तु परिस्थिति को हम ऊर्जा बिंब में डाल कर निश्चिंत हो जाते हैं कोई भी परेशानी बड़ी नहीं लगती, सारे कार्य  सफल हो जाएंगे इसका पूरा भरोसा है | 

ऊर्जा बिंब बनाकर अपने आपको घेर लेने के बाद कोई नकारात्मक  भाव मन में नहीं आता

मन शांत और सकारात्मक हो जाता है| 

दूसरों को भी ऊर्जा बिंब में डालने के बाद उर्जा काम कर रही है इसका  अनुभव हुआ है।

उनके रोग और शोक जल्दी ही दूर हो गए |


Rashmi Kumari:

P४१

 ऊर्जा बिम्ब सुरक्षा घेरा का प्रतीक चिन्ह है। 

जहां तक अनुभव की बात है।जीवन का पहला अनुभव था शरीर में कंपन महसूस किया चिटी की तरह रेगने जैसा सहस्त्रार चक्र एवम् आज्ञा चक्र पर महसूस किया।लगातार ऊर्जा बिम्ब बनाने से विचार विमर्श सकारात्मक बने। हर बात के प्रतिक्रियात्मक स्वरूप  खत्म हो गए।सुरक्षा घेरा का अहसास दिव्य प्रेम दिव्य क्षमा मंत्र के साथ दस वाक्य का अभ्यास  विचार रूपी विष को पीकर अमृत का सोपान करा दिया एवम् हमारे संकल्प सिद्ध हो गए। जीवन की कल्पनासकरामक रूप से कार्य करने लगी। जैसे सोचेंगे।

वैसा पाएंगे ये सिद्ध हो गया।ऊर्जा बिम्ब का यही अनुभव रहा।

Rohini Gawali 

पहले कूछ दिनोंमें ऊर्जा महसूस नहीं होती थी, पर प्रक्रियाअच्छी लगती थी ।

जब  daily भाव से करने लगी तो सूरक्षित महसूस करती हूँ, ऊर्जा को महसूस करतीं हूँ ।सकारात्मक भाव बढ़ रहे   हैं ।  मन शांत हो जाता है । मानसिक  बदलाव के दस वाक्य से बदलाव आ रहा है । मन की उदासी कम हो रही है ।  दीदी आपने हमें स्वयं की ऊर्जा से परिचित कराने के लिए ।

Awadhesh Narain Verma:

P6

प्रारंभ में ऊर्जा बिम्ब का अनुभव कुछ खास नहीं होता था पर धीरे-धीरे जैसे अभ्यास बढ़ता गया वैसे ऊर्जा बिम्ब के बारे में सोचने से ही हाथों में सनसनाहट के साथ ऊर्जा का आभास होने लगता है और अब इस ऊर्जा बिम्ब का प्रयोग किसी भी तरह के नकारात्मक विचारों को अपने अंदर आने से बचाने के लिए कर लेता हूं । जब भी अपने को ऊर्जा बिम्ब के सुरक्षा घेरे में डाल लेते हैं तो पूरी निश्चिंतता हो जाती है।

Anuradha rani:

P1 🙏

Actually from the beginning I didn't observe the benefits of energy ball. But some days back may be one week back Reeta mam told " If any body disturbs you , put them in the energy ball and give Nyasa Mantra energy to them " . I started doing this on that day. From that day, I had no much disturbance . Today I  have no time to do that because of some other work. Really I forgot that. So today volcano bursts and every one faced that hot lava and hot waves. Ofcourse,  with in 5 minutes it is cool down. Then I remembered that I forgot to do that energy ball process.  Now I  completely understand the value of Energy ball and the  importance of Energy ball.  From now, I will never forget to use Energy ball. 

Thank you mam for getting this wonderful technology from you . Namaskarams to Dr. B. P. Sahi hi. 🙏🙏🙏


Rahul Verma:

P44

ऊर्जा बिंब का मेरा अनुभव-

शुरू शुरू में मैंने अपनी पत्नी को उर्जा बिंब बनाते देखता था उस समय मैं न्यास योग से नहीं जुड़ा था। फिर उसके बाद मैं भी अपनी पत्नी के साथ न्यास योग का क्लास करने लगा। पहले ऊर्जा बिंब बनाते वक्त हमें ऊर्जा का अनुभव नहीं होता था। परंतु जब हमारी पर शिक्षिका माननीय डॉक्टर रीता सिंह ने इनीशिएट किया तब धीरे-धीरे मुझे अपने हाथों में भारीपन महसूस होने लगा उसके बाद सफेद प्रकाश की उर्जा को मैंने स्पष्ट महसूस किया। इसके बाद मैंने सेकंड बैच को ज्वाइन किया और रेगुलर क्लास किया। मुझे अब कभी भी समस्या आती है तो उसे उर्जा बिंब में डालकर दिव्य प्रेम और दिव्य क्षमा मंत्र से अभिमंत्रित कर लेता हूं और मेरी समस्या का निदान हो जाता है। अब मैं किसी भी चैलेंज को पॉजिटिवली लेता हूं। 

यह सब माननीय डॉक्टर बीपी साहीजी एवं डॉक्टर रीता दीदी के कारण संभव हुआ है।🙏🙏

laxmi shukla:

P24

शुभ न्यास संध्या

1. ऊर्जा बिम्ब  अभ्यास के दौरान का अनुभव-

क. ऊर्जा बिम्ब बनाने के लिए ऊर्जा को सहस्त्रार्थ चक्र से जब लेते हैं तो ऐसा लगता है कि मानो पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया हो और महसूस होता है कि असीम शक्ति के साथ मेरा कनेक्शन जुड़ गया।

ख. ऊर्जा जब हथेलियों में आती है तो भारीपन, गर्माहट और झनझनाहट सी महसूस होती है, साथ ही अद्भुत आनन्द भी मिलता है।

ग. दोनों हथेलियों का एक दूसरे के प्रति खिचाव का महसूस होना। जैसे एक दूसरे की ऊर्जा एक दूसरे को आकर्षित कर रही हो।

           इस सब के अतिरिक्त अभिमंत्रित ऊर्जा बिम्ब से जब स्वयं को घेरते हैं तो सच मे ऐसा लगता है कि मैंने अपने आप को सुरक्षा कवच पहना दिया। अब हम सुरक्षित हैं यह अहसास होता है। 

Sudha chauhan:

P52

ऊर्जा बिम्ब का मेरा जो अनुभव है वो बहुत ही अचम्भा करने वाला हैं रोज के ऊर्जा उपचार से मेरा कभी ना ख़तम होने वाला रोग ख़तम हो गया ब्लड प्रेस नार्मल हो गया केलेस्ट्रॉल ख़तम हो गया आत्म बिस्वास बढ़ा हैं घर के माहौल में शांति है। न्यास योग ऊर्जा उपचार मेरे जीवन को बहुत हद तक बेहतर बना दिया।

nilu singh Sabalpur

उत्तर-प्रत्येक दिन के अभ्यास से ही ऊर्जा बिम्ब के द्वारा स्वयं के साथ साथ दूसरों को भी सकारात्मक ऊर्जा के साथ हर पल सुरक्षित रखने का अनुभव महसूस होता है। ऊर्जा बिम्ब अभ्यास का अनुभव मेरे लिए और भीबहुत ही ज्यादा आनंददायी है।जिसमें मुझे यानि स्वयं को गुरू अर्थात् आपके सान्निध्य में आकर अपने आप को आपकी ऊर्जा से वशीभूत होकर परम आनंद एवं श्वेत प्रकाश की दिव्य ज्ञान का अनुभव होता है।साथ ही गुरू कृपा एवं परमपिता परमेश्वर की कृपा से संकल्प अनुरूप फल प्राप्ति का अनुभव मेरे लिए बहुत बड़ा है।जिसे मैं प्रत्येक दिन और रात में करती हूँ।साथ ही मैं  इस विधा से सभी को जोड़ने का प्रयासहर पल करती रहती हूँ ताकि मेरी ही भांति वो भी अपने जीवन में आनंद ही आनंद का अनुभव हर क्षण प्राप्त करते रहें।🙏🙏🙏

Mamta sharma:

P 27

 पहली बार जब हमने अपनी रीता दी  से ऊर्जा बिम्ब को सीखा तो कुछ भी अनुभव नहीं हुआ। पर हम धीरे - धीरे ऊर्जा बिम्ब का अभ्यास रीता दी के संरक्षण में करने लगे तो बहुत ही सुन्दर अनुभूति होने लगी।हमे हमारी खुद की ऊर्जा का ज्ञान होने लगा हम धीरे - धीरे सकारात्मकता की और बढ़ने लगे ।जब हम बिम्ब के द्वारा अपना कवच बनाने लगे तो मानो हम सभी समस्याओं का समाधान भी करने लगे। कई सारी बातें मेरी समस्या तो इतनी आसानी से  सुलझती गई मानो ये कभी थी ही नहीं।मेरे अंदर प्रसन्नता बढ़ी,संतुष्टि बढ़ी है।सच में ऊर्जा बिम्ब मेरी जिंदगी को ही बदल कर रख दिया।

Alka Kiran:

P2

 ऊर्जा बिम्ब का मेरा अनुभव:

ऊर्जा बिम्ब का अनुभव मेरे लिए बहुत ही चमत्कारी  रहा । मैं पहले बहुत सारी चीजों से भय महसूस करती थी ।   वो सारी चीजें मन से समाप्त हो गयी । आत्मविश्वास आ गया ।  खुद को प्रोटेक्टेड महसुस करती हूं 

Jyoti Sinha:

P18

ऊर्जा बिम्ब की अनुभूति दिन प्रतिदिन अच्छी होती गई।शुरू में हाथो में कम्पन ठंडा गरम बहुत अच्छी रही ।धीरे धीरे  इस ऊर्जा की अनुभूति सहस्त्रार चक्र से व्हाइट लाइट का अनुभव एक मानसिक शांति प्रदान करने लगा।ऊर्जा बिम्ब बनाने से अपने को सुरक्षित महसूस करने लगी।बिम्ब बनाने के बाद असीम आनंद का अनुभव होने लगा।उसके बाद मै मैंने सोचा मुझे इतना अच्छा लग रहा है तो बच्चो को भी ऊर्जा बिम्ब मै सुरक्षित करने लगी।एक मेरा अनुभव है मै नित्य यज्ञ करती हूं तो दिव्य प्रेम मंत्र और दिव्य क्षमा मंत्र से आहुति देती हूं ।पूजा करने जब बैठती हूं तब ऊर्जा बिम्ब बनाती हूं  समय ऊर्जा बिम्ब की अनुभूति बहुत अच्छी होती है।वैसे दिन में कई बार करती हूं । किसी काम के लिए बाहर निकलती हूं तब ऊर्जा बिम्ब जरूर बनाती हूं। सकारात्मक और ऊर्जा वान रहती हूं।मानसिक रूप से जब अशांत होती हूं तब भी करती हूं मन शांत हो जाता है।

धन्यवाद रीता दीदी समय समय पर मार्गदर्शन और इतनी अच्छी प्रक्रिया से जोड़ने के लिए।🙏

Seema Jha:

P62 

पहली बार जब ऊर्जा बिम्ब का अनुभव चमत्कार की तरंह लगा । ऊर्जा का अनुभव अपने हाथों में लेकर शरीर को घेरने के साथ ही , सिहरन और हल्के होने के एहसास  ,के साथ थोड़ी सी खुशी भी हुई।मन में पहला ख्याल आया कि इसका प्रयोग अपने पेशेंट पर तो करना ही है।

Smita Supriti:

B51

ऊर्जा बिम्ब अभ्यास जब सर्वप्रथम हमें रीता दी ने सिखाया उस दिन मुझे कुछ अलग सा महसूस हुआ,परंतु क्या हुआ ये समझ से परे था।बस लगा मैं एक सुरक्षा के घेरे में हूँ।

      ऊर्जा बिम्ब अभ्यास के लिए रविवार का इंतजार रहता था।रीता दी के द्वारा प्रक्रिया करने में एक असीम शांति मिलती हैं लगता है हम सुरक्षा के घेरे में हैं।

  अब तो ये हमारी दिनचर्चा में शामिल हैं सुबह की शुरुआत इसी से होती है और रात में भी ऊर्जा बिम्ब प्रक्रिया कर के ही सोते हैं।

       अनुभव 'स्वयं की हिलींग से बहुत कुछ ऐसा पता चला जो इतनी जल्दी नहीं पता चलता है।मेरा blood pressure 170/130आया,मुझे इतनी ज्यादा bp होने के बाबजूद किसी तरह की परेशानी नहीं आई।डाक्टर भी अचंभित थे।'मेरे पूरे परिवार की सुरक्षा की डोर  इसी से बंधी हैं।धन्यवाद डा.बी.पी साही जी इतनी सरल सहज प्रक्रिया के लिए एवं रीता दी आपको भी कोटि कोटि धन्यवाद हमें सिखाने के लिए।

                            🙏🙏

Hempriya deo:

P  15

ऊर्जा बिम्ब जब मैं पहली बार बना रही थी तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि हम अपने आप को ब्रह्माडिय ऊर्जा से जोड़ सकते है लेकिन मैंने ऊर्जा के प्रवाह को अपने शरीर में महसुस किया और अब तो ध्यान में बैठने के साथ ही ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाता हैं जो एक अद्भुत अनुभव है।       

kavita Misal:

P 23 

प्रणाम दी

हम पहले प्रॅक्टिस के अभाव मे न समझ पाये थे ऊर्जा बिंब की शक्ती को। अब दिनचर्या का एक भाग बन गया है। 

अब तो दिव्य प्रेम एवम दिव्य क्षमा मन तल पर शुरू रहता है। 

2. ऊर्जा बिंब से जीवन  और रसमय ,सकारात्मक ,उर्जायुक्त,सुरक्षित ,संपन्न ,समृद्ध  बन गया है।

3. खुद को भाग्यशाली समझती हूं कि मुझे इसलिये चुना गया। 

4. निहित अद्भुत शक्ती का एहसास, अनुभूति हुई। 

5. बार बार साही सर ,प्यारी और निष्पाप reeta  दी को मन ही मन धन्यवाद देने का मन करता  है।

6.मुझे जो आनंद मिल गया वो दुसरो को  मिले इसलीये न्यास का प्रचार करती हूं। 

7.सोचा  वो पाती हूं। 2 मंत्र से patient एवम सहेलिया सकारात्मक हो गयी  है

Reena Verma:

P45

जब मैं पहली बार माननीय रीता दीदी के सानिध्य में रहकर एनर्जी बाउल बना रही थी तो मुझे कुछ अनुभव  नहीं हुआ था। परंतु धीरे-धीरे  ऊर्जा बिंब का अनुभव होने लगा। मैं अपनी सारी परेशानी को ऊर्जा बिम्ब में दिव्य प्रेम प्रगट हो रोग शोक नष्ट हो तथा दिव्य क्षमा प्रगट हो रोग शोक नष्ट हो मंत्र से अभिमंत्रित कर देती थी जिससे बहुत हद तक मेरी परेशानी कम हो जाती है। 

इस ऊर्जा बिंब से ऐसा लगता है कि हम अपनी ही ऊर्जा के सुरक्षा के घेरे में हैं। मेरे पति अभी दाउदनगर में कार्यरत है और अपने आवास से ही कार्यालय आना-जाना करते हैं। पहले जब तक वह घर न आ जाए मन घबराया रहता था परंतु अब जब से मैं उर्जा बिंब बना कर उन्हें सुरक्षित घेरे में डाल देती हूं मुझे कोई घबराहट नहीं होती है

🙏🙏

Joyshree Sana:

P16

शुरू शुरू मे ऊर्जा बिम्ब बनाने का अनुभव कुछ खास नहीं था पर धीरे धीरे सकारात्मकता का अहसास होने लगा और अपने को सुरक्षित लगने लगा पर अभी तक  पूरी तरह एनर्जी बॉल बनाने में सफल नहीं हो पाई हू । प्रतिदिन कोशिश कर रही हूं।

Trisha pragati

P55

 जब मैं प्रारंभ में अभ्यास कर रही थी तो आनंद आ रहा था परंतु कुछ महसूस नहीं हो रहा था ,परंतु धीरे-धीरे हाथों में भारीपन महसूस होने लगा, और मेरे अंदर नकारात्मकता जो भी था वो सकारात्मकता में बदल गया। और अब मैं अपने आप को हमेशा खुश और सकारात्मक महसूस करती हूं।

Sarita deshmukh

P50

शुरू शुरू में जब ऊर्जा बिम्ब बनाते तो ऊर्जा तो हाथों में महसूस होती थी ।अब प्रक्रिया करने का नाम लेते ही हाथों में ऊर्जा महसूस होती है। दिव्य प्रेम मंत्र दिन भर चलता रहता है। इसी ऊर्जा से हम हमारी सारी समस्या का हल निकाल सकते है ये हमारे लिए आश्चर्य  और कैसे होता होगा ये प्रश्न था लेकिन अब धीरे धीरे समझ आ रही है।सारी समस्याएँ ऊर्जा बिम्ब से निकाल सकते है यह विश्वास हो गया है।

           ऊर्जा बिम्ब के अभ्यास से क्रोध कम हो गया है और विचार कम आने लगे है।

         ख़ुद को   ऊर्जावान ,भाग्यशाली, समृद्ध और सन्तुलित मानती हूँ। घर में दिव्य प्रेम का वातावरण हो गया है।

    दूसरों के ऊपर ऊर्जा बिम्ब का असर हुआ है   याने ऊर्जा बिम्ब काम कर रहा है।

।।दीदी का आभार , शत् शत् नमन और धन्यवाद ।।

जो यह सुन्दर प्रक्रिया हमें सिखायी ।

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Sunday, 25 October 2020

न्यासयोग पाठ्यक्रम, अप्रैल, 2020 "क्या खोया"

 न्यासयोग पाठ्यक्रम,  अप्रैल, 2020 (प्रथम बैच)

            "क्या खोया क्या खोया"

स्मिता सुप्रीति 

        न्यासयोग पाठ्यक्रम में मैं इतना कुछ खोयी, जितना अभी तक के जीवन सफर में कभी नहीं खोयी।सर्वप्रथम अपनी सुबह की गहरी नींद खोयी। फिर अपना चिड़चिड़ापन खोयी,क्रोध को मैंने खो दिया।कटु शब्दों के बाण को खोयी, उसके बाद दूसरों की हंसी उड़ाना,दूसरों की शिकायतें करना और सुनना को खो दी।अपने तनाव,ईर्ष्या को खोयी।दूसरों की अवहेलना करने की आदत को ख़ोई। 

सबसे महत्त्वपूर्ण मेरी नकारात्मकता ही पूर्णतः खो गई।

सबसे ज्यादा अनमोल मेरे यह छह महीना। 

        धन्यवाद मेरी गुरु मेरी परम् मित्र रीता(जी) इन बीते हुए अनमोल छह महीने एवम् आने वाले सारी जिंदगी के लिए।

न्यासयोग ऊर्जा उपचार सामाजिक बदलाव में अहम् रुप से कारगर है।आज की व्यस्ताओं भरी तनाव पूर्ण जिंदगी में हरेक दिन खुद की ऊर्जाओं के साथ कम से कम आधा घंटा बिताए तो हमारे जीवन की नकारात्मकता हमें छोड़ कर चलीं जाएगी, औंर हम तन और मन दोनों से स्वस्थ हो जाएंगे।जब हम स्वयं स्वस्थ्य और सकारात्मक हो जाएंगे तो अपने आप आस पास के व्यक्ति और वातावरण भी स्वस्थ एवं सकारात्मक हो जाएंगे। यही से समाजिक बदलाव की शुरुआत होगी।

        आज के लोगों में किसी कार्य के प्रति धैर्य, विवेक एवं सामंजस्यता की कमी है,एक दूसरे से  आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टिकोण में ऊपर उठने की चाह से उनमें द्वेष,ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा इत्यादि मानसिक रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं।

खाने पीने और सोचने की अनुचित आदतों से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से घिर जाते हैं।

न्यासयोग में जुड़ने से ,गुरु के निर्देशानुसार  बताए गए अभ्यासों को करने से हमारी ऊर्जा बिम्ब सुक्ष्म से सुक्ष्म विपदाओं से हमें तथा हमारे अपनो को संरक्षित करती हैं।पितृदोष जो हमारे समाज के लिए सबसे बड़े दोष के रूप में बताए जाते हैं और इससे बचने के लिए कई प्रकार के कर्मकांड बताए जाते हैं।

 न्यास योग में यह बहुत सहज तरीके से बताया जाता है और इसे आनन्दोत्सव के रूप में मनाकर पूर्वजों के प्रेम से जोड़ देता है। पितृदोष से मुक्ति एक पीढी ही नहीं वरन् सात पीढियों के लिए बताया जाता हैं।

"दिव्य प्रेम प्रगट हो,रोग शोक नष्ट हो" मंत्र के जाप से सभी तरह की शारीरीक एवं मानसिक रोगों से निजात पा सकते हैं।

         मैं अपनी गुरु डा. रीता सिंह जी की सदा आभारी रहुँगी,जिन्होंने मुझे न्यास योग उपचार एवं तनाव प्रबंधन पद्धति के लिए अपनी शिष्य के रूप में स्वीकार किया।

यह पद्धति समग्र रूप में मन को बदल देती है। जीवन के आदर्श गुणों से परिचय करवाती है। ईर्ष्या, क्रोध, आक्रोश सबसे दूर रहने का तरीका सिखाती है। 

प्रेम, क्षमा, सफलता के साथ जीने की कला सिखाती है। इससे अच्छा और क्या चाहिए?

अपने जीवन में आएं बदलाव के आधार पर कहती हूँ कि इसका अभ्यास समाज में बढ़ जाये यो बदलाव आना ही है। इस सुंदर आभ्यास को लाने के लिए न्यास गुरु डॉ बी पी साही को बहुत बहुत धन्यवाद।