हमारी ज्यादातर समस्या हमारे दिमाग से संचालित होती है। आज ज्यादातर लोग अपनी तरक्की पर विचार करने से ज्यादा दूसरे की तरक्की को रोकने की फ़िक्र में लगे रहते है।
निर्णायक प्रश्न यह है कि क्या आज मानवता, समस्याओं के अनियंत्रित होने से पहले कोई हल निकाल पाएगी।
व्यक्तिगत स्तर पर तो मानवता की अच्छे भविष्य के लिए दौड़ जारी है। परन्तु आज इतने मात्र से समस्या का हल संभव नहीं है।
इस संकट काल में सकारात्मक विचारधारा वाले मानव को एकजुट होकर पूंजीकृत चेतना शक्ति के द्वारा सभी के दिमाग से सारे नकारात्मक विचारों को बाहर निकलना होगा ताकि समस्याओं के अनियंत्रित होने से पहले कोई हल निकल आए।
इसके लिए करना ज्यादा कुछ भी नहीं है.
दिनभर में किसी समय थोड़ी देर के लिए शांतचित्त होकर बैठ जाएँ। आखें बंदकर ध्यान करे कि आपका हाथ करोड़ों सकारात्मक विचारधारा वाले हाथ से जुड़े हैं। मानसिक रूप से ध्यान करे कि सभी के सिर से दिव्य ज्योति एक साथ निकल रही है और संपूर्ण संसार में धीरे धीरे फ़ैल रही है. सारा संसार दिव्य ज्योति से भर गया है सभी जगह की नकारात्मक शक्ति नष्ट हो गई है। प्रतिदिन के इस अभ्यास से निश्चित ही धीरे धीरे संपूर्ण संसार दिव्य ज्योति से भर जायगा और सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाएगी।
2 comments:
bahut achchi baate batai aapne. I wish ki issae sansaar ki sari nakaratmak shaktiya nasht ho jaygi
puja singh
I did this exercise today and gain amazing experience
Gopal upadhyay
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