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Sunday, 10 May 2020

श्रीमद फाऊंडेशन साहित्यिक गतिविधि

श्रीमद फाऊंडेशन साहित्यिक गतिविधि 

बच्चे बनकर बच्चों को सृजनात्मक बनाया जा सकता है - प्रतुल वशिष्ठ 

बच्चों के साथ बच्चे बनकर ही हम बच्चों को सृजनात्मक साहित्यिक गतिविधि से जोड़े रख सकते है। यह बात आज विशिष्ठ अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार श्री प्रतुल वशिष्ठ जी ने यह बात कही। वे
श्रीमद फाऊंडेशन साहित्यिक - सांस्कृतिक साप्ताहिक गतिविधि के अंतर्गत जूम ऑनलाइन बाल काव्य गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा श्रीमद फाऊंडेशन के कार्यक्रम और प्रयास दोनों सराहनीय हैं। बच्चों में कविता और बालगीत के प्रति लगाव दिख रहा था । केवल इस नये माध्यम ने चौंकाया हुआ था इसलिए कुछ हड़बड़ी थी। वैसे सभी में इस नये माध्यम को लेकर आकर्षण विशेष दिखायी दे रहा था जो कि मैं खुद में भी महसूस कर रहा था। बच्चों की प्रस्तुति के लिए उनके अभिभावकों और आयोजकों को श्रेय जाता है। उन्होंने बच्चों के लिए समर्पित भाव से इसमें अपनी ऊर्जा लगायी, व्यवस्था की। श्री प्रतुल वशिष्ठ जी राजीव गांधी फाउंडेशन के अंतर्गत चलने वाले वन्दररूम में बच्चों की गतिविधियां कराते हैं। प्रतुल सर ने नागेश पांडेय जी के गीत ' लिल्ली घोड़ा, लिल्ली घोड़ा, घोड़ा लिल्ली रे' का बच्चों के साथ सस्वर पाठन कर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी को आनन्दमय बना दिया।  
श्रीमद फाऊंडेशन की ओर से फाऊंडेशन की फाउंडर सदस्य रेखा सिंह जी ने बच्चों के मनोभाव को कविता के रूप में रखा। उनकी स्वरचित कविता थी "आप क्यों नहीं समझते"। बच्चों के द्वारा अपने बड़ों से कुछ सवाल करती यह कविता बालमन की सुंदर अभिव्यक्ति रही। 
आज के कार्यक्रम में क्लास नर्सरी से चतुर्थ वर्ग तक के कुल सत्ताईस बच्चों ने अपनी जीवंत प्रस्तुति दी। श्रीमद के मंच पर एक छोटा भारत उतर आया था। 
अनन्या झा, सीतामढ़ी से चुनमुन थे दो भाई, संस्कार मिश्रा, दरभंगा, आओ भाई आओ, लक्ष्य शर्मा,आसाम से मन के भोले-भाले बादल, लक्ष्य चौहान, इंदौर से जागो समाज के कार्यकर्ताओं (पुरुस्कृत कविता), माही कानूनगो
झाबुआ से पेड़, माही चौहान, उज्जैन से, हम बच्चे हिन्दुस्तान के, कर्म पांडे,  उज्जैन से इन्द्र धनुष जी इतने रंग, प्रवीर सिन्हा, पटना से भ्रूण हत्या, लक्ष आनंद, से नोयडा, our Earth (स्वरचित), प्राक्षी भारतीय, मेरूत, उठो उठो (स्व. अनिल रस्तोगी), कर्तव्य वेदी, इंदौर, भारत देश महान , शुभ्रा फ़िरक़े, उज्जैन से तितली रानी, निवेदिता सिंह कुशवाहा,इंदौर से तितली, कृशा जोशी, उज्जैन से मेरा गाँव, तुशूभ बख़्शी, पुणे, तितली उड़ी, निहारिका, शिवहर से मेरी माँ, आकर्ष भारद्वाज, आरा, माँ मेरी, आर्या श्री, आरा, चिड़िया रानी, पलक, पंजाबी बाग, नई दिल्ली,  मेरे प्यारे पापा, आराध्य शर्मा, उज्जैन से जल ही जीवन, वारिद पाठक,करेरा, शिवपुरी मध्य प्रदेश, चिड़िया, तोता, आरण्या शिवाली, आरा, हम बेटियां, प्रकृति प्रिया, झारखंड जामतारा से कसरत करो, बौंसी, बांका से श्रुति ने पेड़ पर काव्य रचना की प्रस्तुति दी। 
श्रीमद फाऊंडेशन के बाल गतिविधि की सहयोगी  अभिनव बालमन पत्रिका के सह संपादक श्री पल्लव जी ने इसे अनूठा आयोजन कहा। उन्होंने कहा कि लाइव में इस तरह व्यवस्थित आयोजन को देखकर बहुत कुछ सीखने को भी मिला। देश के अलग अलग स्थानों से बाल रचनाकारों को सुनना सुखद रहा। ऐसे मंच के माध्यम से इन बच्चों को यूँ ही प्रोत्साहित करते रहना होगा ताकि इनकी रचनात्मकता लेखन के माध्यम से बेहतर होती रहे।
संचालन दरभंगा से संस्कृति भारद्वाज, उज्जैन से ऐश्वर्या शर्मा, पटना से स्वस्तिका श्री, कलकत्ता से जीवेश मिस्त्री ने मिलकर किया। देश के चार कोने से एक साथ सन्चालन कर इन बच्चों ने जता दिया कि हमारे साहित्य जगत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। 
साहित्यकार नन्दनी प्रनय,रांची, इंदु उपाध्याय,पटना, रश्मि शर्मा, उज्जैन,राहुल कुमार, कलकत्ता से अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी से बच्चों का उत्साहवर्धन किया।  डॉ. आरती, मुज्जफरपुर ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ बच्चों की हमारे जिंदगी में अहमियत को गजल के रूप में प्रस्तुत कर काव्यमय शाम को खूबसूरत बना दिया। 
अंत में श्रीमद फाऊंडेशन की सचिव ने  सभी मीडिया को धन्यवाद देते हुए 11 मई 2020 को कक्षा पांचवी से आठवीं तक के बच्चों के काव्य गोष्ठी कार्यक्रम की जानकारी दी।
 

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