सिर और कपाल के भीतर दो छिद्र होते है, उसे कपालछिद्र कहते है। यह कपालछिद्र चमकती हुई ज्योति से भरी है। (विज्ञान भैरव )
पतांजल योगसूत्र में लिखा है कि "मस्तक की इस ज्योति में ध्यान करने से जो लक्ष्य निरुपित किया जाता है वह पूर्ण हो जाता है। "
न्यास योग मस्तक की इस ज्योति में ध्यान करने की सही विधि सिखाता है।
पतांजल योगसूत्र में लिखा है कि "मस्तक की इस ज्योति में ध्यान करने से जो लक्ष्य निरुपित किया जाता है वह पूर्ण हो जाता है। "
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