आज से १५ दिन का पितृ पख प्रारंभ हो गया है। यह पूर्वजों के प्रति श्रधा अर्पित करने का दिन है। इन दिनों अपने पूर्वजों का श्राद्ध तर्पण के माध्यम से किया जाता है।
हम सभी अपने पूर्वजों के ही पुण्य प्रताप से जीवन में आगे बढ़ते हैं। अत: हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों को हमेशा सम्मान दें। खासकर पितृ पख के इस पावन दिनों में उनका स्मरण कर उनसे आशीर्वाद लेना और उनके मुक्ति के लिए उनके उच्चतम अवस्था के लिए प्रार्थना करना हमारा धर्म है।
इसके लिए करना कुछ खास नहीं है।
बस प्रतिदिन कुछ क्षण के लिए अपने सभी पितरों का नाम श्रधा से लेना है और उन्हें सबकुछ के लिए धन्यवाद देना है। इसके बाद उनसे सुखी भविष्य के लिए आशीर्वाद मांगना है। अंत में ईश्वर से उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हुए ध्यान करना है कि वे मुक्त होकर अनंत आकाश में विलीन हो रहे है। इसके बाद तीन बार बोलना है - ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति।
श्रधा अर्पित कर देखिए अदभुत ख़ुशी मिलेगी।
हम सभी अपने पूर्वजों के ही पुण्य प्रताप से जीवन में आगे बढ़ते हैं। अत: हमारा कर्तव्य है कि हम अपने पूर्वजों को हमेशा सम्मान दें। खासकर पितृ पख के इस पावन दिनों में उनका स्मरण कर उनसे आशीर्वाद लेना और उनके मुक्ति के लिए उनके उच्चतम अवस्था के लिए प्रार्थना करना हमारा धर्म है।
इसके लिए करना कुछ खास नहीं है।
बस प्रतिदिन कुछ क्षण के लिए अपने सभी पितरों का नाम श्रधा से लेना है और उन्हें सबकुछ के लिए धन्यवाद देना है। इसके बाद उनसे सुखी भविष्य के लिए आशीर्वाद मांगना है। अंत में ईश्वर से उनकी मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हुए ध्यान करना है कि वे मुक्त होकर अनंत आकाश में विलीन हो रहे है। इसके बाद तीन बार बोलना है - ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति।
श्रधा अर्पित कर देखिए अदभुत ख़ुशी मिलेगी।
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