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Saturday, 25 April 2020

आज का प्रश्न

विपरीत कामना - भाव वाले लोग जब एक दूसरे से जुड़ जाएँ तो कैसे वे साथ रह सकते हैं ?

कमेंट के माध्यम से उत्तर दे ।

26 comments:

Dilip 22 said...

विपरीत कामना भाव वाले व्यक्ति जब साथ जुड़ जाएं, उनके निंदा से खुद को सीख लेने की जरूरत क्योंकि अपनी गलती को खुद पकड़ना संभव ही नहीं

Unknown said...

A34,viprit kamna-bhav wale log jab ek dusre k sath jud jayege to vey apne vicharo k swatantra se ek sath rah purge.jinme sakaratmak urja hai dusre unk sath rahkr ya sakaratmak ho sakte hai,anyatha wo khud hi alag ho jayege.🙏🙏

Unknown said...

विपरीत भावना वाले लोग जब एक दूसरे से जुड़ते हैं ।वो एक दूसरे को जानलें तब जुड़ें बेहतर होगा ।एक दूसरे के साथ रहने में आसानी होगी। बिना एक दूसरे को जाने ही साथ रहते हैं तब दोनों खुद को एक दूसरे के साथ के लिए थोड़ा थोड़ा बदलें और एक दूसरे की अच्छाई बुराई को दिल से अपनाते हुए साथ रहें ।फिर भी समस्या आ रही है तब अलग रहने की सोचें । यदि उन दोनों में से कोई एक हर हाल में साथ रहना ही चाहता है तब आखिरी उपाय मौन धारण करें और सकारात्मक सोच के साथ बिना एक दूसरे पर आरोप लगाए शांति से आगे बढ़ें और खूब खुश रहें।

Unknown said...

A--34

Unknown said...

A--34

Unknown said...

A 78.krodh dikha ki maun ho jana hai.bad me fir bat karke kam karna hai

Dr. Reeta singh said...

बढ़िया

Dr. Reeta singh said...

सही बात

Dr. Reeta singh said...

बहुत सुंदर।

Dr. Reeta singh said...
This comment has been removed by the author.
Dr. Reeta singh said...
This comment has been removed by the author.
Dr. Reeta singh said...

सही है।
मौन से बड़ा हथियार और कोई नहीं।

Rashmi kumari said...

A13 विपरीत कामना वाले व्यक्ति को एक साथ व्यवस्थित रहने के लिए डायरी लिखने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए बाद में उसे पढ़ें तब आपको।अपने में ही बहुत सारी गलतियां नजर आएगी एवं आपके विचार भी संतुलित होंगे एवं मौन तो सबसे बड़ा हथियार है ही

Unknown said...

बिपरीत भाव वाले लोगों को सकारात्मक बनाने की कोशिश करे और खुद शांत रहे अगर वो सकारत्मक नहीं हो पाता है तौ उससे दुरी बनाए लेकिन अगर वो आपके घर का ही मेम्बर हो जिस से हम दूर नहीं हो सकते है तो उसपर दिव्य प्रेम प्रकट हो रोग शोक नष्ट हो का जप करते रहे निस्चय ही वो आपके जईसे हो जाएगा फिर आप आराम से उसके साथ रह सकते हैं और खुश भी रहेंगे A12

Unknown said...

Asha devi

Priya said...

A32.
विपिरित कामना भाव वाले लोग जब आपस में जुड़ते हैं तो सबसे पहले उन्हें एक दूसरे के भावना को अच्छे से समझना चाहिए। फिर दोनों के सकरत्मक पहलू को देखना चाहिए। क्योकि हर मनुष्य को प्रेम प्रिय होता है। जब हम सामने वाले के सकरामक पक्ष को देखेंगे तब ही उसके प्रति उदार हो सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले खुद को सकरामक ऊर्जा से भरना पड़ेगा।। ऐसा करने से हम किसी भी कामना भाव वाले मनुष्य के साथ रह सकते हैं।

Dr. Reeta singh said...

बहुत बढ़िया

Unknown said...

A67-दो विपरीत विचार की स्थिति में जब दोनों एक दूसरे पर दोषदोषारोपण करे तो एक को चुप होकर सामने से हट जाना चाहिए।ताकि बाद में दूसरें को उस की बात पर चुप्पी का एहसास हो जाए।इस तरह से दोनों बदलते समय के साथ एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करने लगेगें।

Dr. Reeta singh said...

बढ़िया

Anita, GPYG KOLKATA said...

प्रणाम।

Anita, GPYG KOLKATA said...

प्रणाम।

Anita, GPYG KOLKATA said...

प्रणाम।

Dr. Reeta singh said...

सुंदर सुझाव

Dr. Reeta singh said...

बहुत सुंदर।
स्प्ष्ट विचार

Dr. Reeta singh said...

प्रणाम

Anonymous said...

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