आप सभी
का सादर अभिनन्दन
किसी भी क्लास
की, पाठ्यक्रम की
सफलता उसके सकारात्मक परिणाम
प्राप्ति में है।
न्यास योग ऑनलाइन क्लास को आपने अपनाया। इसका बहुत आभार।
आज के
क्लासरूम का चौथा प्रश्न
था -
*क्या न्यास
योग अभ्यास से
आपके विचारों के
शोधन में कुछ
सहायता मिल पा रही
है?*
कुछ जबाब जो
हमें मिलकर उत्सव
मनाने के लिए
प्रेरित करते हैं। हम
यूँ ही साथ-साथ जीवन-आनन्द
का उत्सव मनाते
रहें।
*A33 sangeeta paliwal*
इसका उत्तर संक्षेप में
देना चाहूंगी - हां,
हां बहुत ज्यादा
और खूबसूरत तरीके
से। मै खुद
को बहुत happy happy feel karti hu
*A8 rita didi*
जी हाँ। विचारो में
थोड़ा सा ठहराव
आने लगा है।
*A72 Madhvendra Prasad*
हां नित्य और
नियमित अभ्यास से
अपने विचारो के
शोधन में सहायता
प्राप्त कर सकते है।
*A5 Arti kumari*
हाँ। कोई भी
कार्य करने से
पहले, किसी भी
विचार को मन
मे लाने से
पहले गुरुवाणी स्मरण
हो उठती है।
धीरे धीरे ही
सही किंतु बदलाव
होगा, ऐसा विश्वास है।
*A67 Nilu Singh*
Ans.हाँ।न्यासयोग अभ्यास से
मैं अपने मन
में किसी भी
तरह का नकारात्मक
विचारधारा पनपने का मौका
हीं नहीं देती
हूँ।जिसकी वजह से
मेरे मन में
सकारात्मक विचारों का संचार
होता रहता है
और मैं अपने
दिनचर्या में क्रोध
पर नियंत्रण कर
पा रही हूँ।जिससे
मेरे आस-पास
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
देखने को मिलता
है।
*A22 Seema Jha*
हां हम अपने
विचार के प्रति
साक्षी हो रहें
है ।
क्रोध के भाव
आलोचना निराशा के
भाव हमें दिखते
हैं परन्तु अभी
भी हम इसे
छोड़ना नहीं चाहते
ये भी हमें
दिखते हैं।
*A20 Leeladhar sir*
हाँ , न्यासयोग के
प्रयोग एवम् जिन
बातों को ना
करने के लिए
कहा गया है
उसका प्रयोग करने
से निश्चित ही
परिवर्तन होगा।।। और इससे हमें
सहायता भी मिल रही है।।
दिव्य प्रेम प्रकट
हो रोग शोक
नष्ट हो।
*A1 Anita pandey didi*
उत्तर- हाँ। बहुत
ज्यादा ।
मन को व्यवस्थित करने
में बहुत मदद
मिल रही है
और सतत प्रेम
का भाव विकसित
हो रहा है।
दिव्य प्रेम
प्रकट हो, रोग
शोक नष्ट हो
,भाव जाग्रत हो
रहा है।
गुरुमुख से - पढ़ना अद्भुत
आनंद दे रहा
है।
*A13 Rashmi kumari*
4 वाक्यों की
पुनरावृति। बार-बार अभ्यास
से अंतर्मन का
धूल साफ हो
गया। नया अनुभव
नया आयाम एवम
सबसे बड़ी बात
नजरिया में बदलाव
करना आ गया।
इसलिए इस ज्ञान
से थोड़ा नहीं
बहुत कुछ मिला।
*A9Padma Hiraskar*
Han nyas yog abhyas se hamare vichar shuddh,
pavitra ho rahe hai...ham kisi ki alochana se bach rahe hai..apne aap ko
Sakshi bhav me rakhne ka prayas chal raha hai , nit naye vichar swadhyay -
satsang va self analysis ke madhyam se apne sochne ki shaily badal rahi hai...
*A28 Anupama Chouksey*
Ji ha Nyasyog k dwara kuch esthirta aa rhi h
,thraw aa rha h ,Divya prem prakat to rog shok nastha ho mantra se frk pd rha
h.
*A54priyanka*
nyas yoga helps in purification of thoughts.it
activates our energy centers and positive energy flows in.
*A32 Priya Kumari*
Mera anubhaw hai ki jab bhi mere
antrman me kisi bat ki uljan ya gusaa aata hai to mai sankalp ( दिव्य प्रेम प्रकट
हो, रोग शोक
नष्ट हो) ka jap prarambh kr deti hu or es se mujhe bht shanti milti
hai.
*A40 Poonam Di*
Indeed, I’m noticing major changes
in my thought process.
*A34 Smita Supriti*
Avashya hoti hai,hamare nitya kraya
me vicharo ka sakaratmak prabhav se.
*A10 Gayatri hiraskar*
haa nyas yog se ham swayam ka
vishleshan kar rahe hai jisse hamare vichar bhi parivartit ho rahe hai.
*A 50 Mahima singh*
Yes, for sure the very understanding
of how the thoughts govern our emotions gives a lot of clarity and it helps in
holding the reigns of the racing mind. The pause when the mind in its
conditioning nis ready to react, with the chant of Divya Prem Prakat Ho Rog
Shok Nasht ho ... Or any other mantra or prayer, Just gives the silent
mind to become active and then direction that it gives if we are
able to listen to is bliss. But it all requires practice.
*A47 Rohit Kumar Yadav*
yes M changing Day by Day ... Thank
you
*A58 Vibha Narayan*
ha.
*A14 Rahul Kumar*
Han avsya hi hame isse bahut sahyata
mil pa rahi hai.
*सादर अभिनन्दन*
*दिव्य प्रेम
प्रगट हो रोग-शोक नष्ट हो*
Dr. Reeta Singh
+91 7004906203
8 comments:
हार्दिक धन्यवाद
A30 main apne aap ko positivity aur energetic pa rahi hu..
Divya prem pragat ho rok shok nasta ho
Aadhyatmik gyan ki Praka main lakshya ka nirdharan kar badhe chalo badhe chalo jivan ka sankalp kar anandit Man se badhe chalo badhe chalo badhe chalo Divya prem pragat ho Rog sok nasht ho ��������
बहुत बहुत धन्यवाद
जुड़े रहें।
दिव्य प्रेम प्रगट हो न्यास ऊर्जा व्याप्त हो
बहुत सुंदर
खुद से खुद का परिचय हो तो मानव में मानवता खुद ही आ जाता है खुद का खुदी से परिचय ना हो दानवता खुद ही दूर भाग जाता है। खुद का हृदय से प्रेम से भरा हो तो देव का अनुभव करवाता है🙏🇮🇳🤟🌹😊
Post a Comment